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ठाकुर भगवान सिंह
यूनिक समय, वृंदावन। कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक (कुंभ मेला) में अब चहल पहल बढ़ने लगी है। रात में रंग बिरंगी विद्युत रोशनी के नजारे को देखकर लोगों का मन मचल उठता है। उनके हाथों में मोबाइल सेल्फी लेने के लिए बढ़ जाते हैं। लोग ऊंट गाड़ी और घुड़सवारी का भी लुफ्त ले रहे हैं। मेला परिसर में लगे झूलों ने मेला का आकर्षण और बढ़ा दिया है।
मेला क्षेत्र में आम लोगों की किसी भी गाड़ी का प्रवेश नहीं है। सिर्फ पास अधिकृत लोग ही गाड़ियों को लेकर अंदर जा रहे हैं। इस कारण लोग पैदल-पैदल कुंभ मेला परिसर में प्रवेश कर रहे हैं। सबसे पहले लोग ब्रह्र्षि संत देवराहा बाबा के आश्रम को देखने जाते हैं। यहां वह रात के अंधेरे में विद्युत की रंग बिरंगी रोशनी में अदभुत छटा बिखेरता है।
इस नजारे को मोबाइल में कैद करने के लिए लोगों की छटपटाहट देखने ही देखते बनती है। फिर उनके कदम यमुना घाट पर बने पुल को देखने की इच्छा होती है। वह जाकर यमुना का नजारा देखते हैं। मेला में ऊंट गाड़ी की सवारी और घुड़सवारी की अपना अलग आनंद है। छोटे बच्चे हो या ब़ड़े ऊंट गाड़ी में सवार होकर मेला क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं
। इसी तरह से घुड़सवारी का भी लोग लुफ्त ले रहे हैं। अब मेला क्षेत्र में विभिन्न तरह के झूला लग गए हैं। इन झूलों ने श्रद्धालुओं के चेहरे पर और चमक ला दी है। यहां आने वाले लोग झूला झूलकर ही जा रहे हैं। हालांकि कई अखाड़ों के शिविर अभी भी खाले पडे़ हैं। लगता है कि माघ पूर्णिमा को शाही स्नान के बाद ही इन शिविरों में और रौनक बढ़ेगी।
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