
नई दिल्ली। राष्ट्रीय जांच एजेंसी की कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा (LET) के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित विवेक अग्निहोत्री की फिल्म The Kashmir Files के कारण चर्चाओं में आए पूर्व आतंकवादी यासीन मलिक सहित कुछ अन्य अलगाववादी नेताओं पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया है। न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इन अलगाववादी नेताओं में शब्बीर शाह, मसरत आलम भी शामिल हैं।
पाकिस्तान से मिलती थी मदद
इन अलगाववादी नेताओं को आतंकी फंडिंग के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजा गया था। यहां तक कि राजनयिक मिशन का इस्तेमाल दुष्ट मंसूबों को पूरा करने के लिए किया गया था। एनआईए कोर्ट ने नोट किया कि घोषित अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा आतंकी फंडिंग के लिए पैसा भी भेजा गया था। बता दें कि पाकिस्तान से बतौर टेरर फंडिंग करीब 80 करोड़ रुपये लेने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन, यासीन मलिक, शब्बीर शाह, मसरत आलम सहित कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केस दर्ज किया था।
The Kashmir Files से चर्चाओं में है यासीन मलिक
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ (JKLF) का चीफ रहा यासीन मलिक पर भारतीय वायुसेना के 4 निहत्थे अधिकारियों की हत्या का इल्जाम है। उसने यह बात मीडिया के सामने भी कबूल की थी। इस समय वो जेल में कैद है। इस पर कश्मीरी हिंदू जस्टिस नीलकंठ गंजू की निर्मम हत्या का भी आरोप है।
जुलाई, 2021 में सलाउद्दीन के दो बेटों को नौकरी से बर्खास्त किया गया था
जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के खिलाफ एनआईए लगातार कार्रवाईयों को अंजाम देती आई है। इस बीच जुलाई, 2021 में कश्मीर में आतंकियों की मदद के आरोप में जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतकंवादी संगठनों के सहयोगी के रूप में कथित तौर पर काम करने को लेकर हिजबुल मुजाहिदीन सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों और दो पुलिस कर्मियों सहित 11 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। बर्खास्त किए गए कर्मचारी शिक्षा, पुलिस, कृषि, कौशल विकास, बिजली, स्वास्थ्य विभाग तथा एसकेआईएमएस (शेर ए कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से थे।
सलाउद्दीन पाकिस्तान के लिए काम करता रहा है
जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंसियों और आतंकियों के बीच साठगांठ किसी से छिपी नहीं है। हालांकि, पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा है। लेकिन भारत के पास ‘पक्का’ सबूत हैं, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की निकटता की पुष्टि करते हैं। वर्ष, 2020 में आई एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिद्दीन का प्रमुख होने के अलावा संयुक्त जिहाद परिषद का भी प्रमुख रहा है, जो कई आतंकवादी समूहों का पैतृक संगठन है। यूजेसी (यूनाइटेड जिहाद काउंसिल) के अंतर्गत लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे खूंखार आतंकी संगठन आते हैं।
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