नई दिल्ली। रावत की गिनती कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबियों में होती रही है। सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद उनके समर्थकों द्वारा कांग्रेस से त्यागपत्र देने का दौर जारी है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की जुगत में लगी बीजेपी को एक कांग्रेसी विधायक ने झटका दिया है। भले ही बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल कराने में कामयाब हो गई हो, लेकिन बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के सभी विधायक अब उनके साथ आते नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामनिवास रावत ने सिंधिया और शिवराज को झटका देते हुए कांग्रेस में ही रहने का दावा किया है।
कांग्रेस की विचारधारा के साथ हूं।” सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा, “सिंधिया को कांग्रेस के भविष्य को लेकर उहापोह थी, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ी है। कांग्रेस में उन्हें जितना सम्मान मिला, गांधी परिवार से संबंध रहे, कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहे, इतना सम्मान भाजपा में नहीं मिलेगा। इसका प्रमाण है कि जिस दिन सिंधिया का भोपाल आगमन हुआ, उसी दिन उनके स्वागत समारोह के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें विभीषण कह डाला।
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। इनमें 19 विधायक गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव बेंगलुरू में हैं।
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