नई दिल्ली। कोविड-19 की नई लहर के बीच देश एक बार फिर से लॉकडाउन की तैयारी में हैं। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया में अलग ही मामला आया. असल में वहां पिज्जा पार्लर के एक कर्मचारी ने कोरोना संक्रमित होने के बाद ऐसा झूठ बोल दिया के देश के बड़े हिस्से में सख्त बंदी कर दी गई। सर्किट ब्रेकर नाम से हुए इस लॉकडाउन का उद्देश्य वायरस का संक्रमण रोकना और अस्पतालों की तैयारियां बढ़ाना था। बाद में पता चला कि कर्मचारी ने झूठ बोला है।
क्या मामला रहा
दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया में एक पिज्जा पार्लर में कोरोना के मामले से तहलका मच गया। वहां काम करने वाले एक स्पैनिश स्टूडेंट ने, जो स्टूडेंट वीजा पर ही था, उसने अपने कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने पर डॉक्टरों को अजीब सी जानकारी दी। उसने बताया कि वो काफी दिनों से घर से बाहर ही नहीं निकला था और निकलकर एक पिज्जा शॉप में गया, वहीं से उसे कोरोना जैसे लक्षण दिखने लगे। कुछ ही घंटों के भीतर किसी के कोरोना संक्रमित हो जाने का ये पहला मामला था।
क्या डर बैठ गया
स्वास्थ्य अधिकारियों ने मान लिया कि कोरोना वायरस का काफी खतरनाक स्ट्रेन फैल चुका है, जो घंटों में असर दिखाता है। आनन-फानन लगभग 6000 लोगों को क्वारंटीन किया गया और पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लग गया। इस दौरान सारे स्कूल, रेस्त्रां, पब, दुकानें और यहां तक कि राशन की दुकानें तक बंद करवा दी गईं। लोगों का घर से बाहर निकलना या वॉक करने तक पर मनाही लग गई। इस लॉकडाउन को सर्किट ब्रेकर नाम दिया गया, ताकि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके।
पता चला झूठ का
इधर डरे हुए स्वास्थ्य अधिकारियों ने ट्रेंड समझने के लिए पिज्जा कर्मचारी से दोबारा बातचीत शुरू की। इस दौरान पता चला कि कर्मचारी ने शरारत में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करने वाले लोगों को गुमराह किया था। उसने बताया था कि वो पिज्जा खरीदने गया और कुछ ही घंटों में कोरोना हो गया, जबकि पता चला कि वो पार्लर में काम करता था और लगातार लोगों के संपर्क में रहता था।
सच जानने के लिए लगाने पड़े जासूस
शरारत में गलत जानकारी देने के बाद भी शख्स ने आसानी से सही जानकारी नहीं दी, बल्कि लगातार झूठ बोलता रहा। इधर डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा था कि इतनी तेजी से फैलने वाले स्ट्रेन के बारे में उनके पास कोई जानकारी क्यों नहीं है। इसके बाद पुलिस हरकत में आई. शख्स की बातों की पुष्टि के लिए 20 लोगों की टास्क फोर्स का गठन हुआ। ये मामूली लोग नहीं, बल्कि पुराने जासूस थे। ये इस बात की जांच करने में जुट गए कि झूठ बोलने के पीछे शख्स का कोई दूसरा खतरनाक इरादा तो नहीं।
सबसे सख्त बंदी
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ने लॉकडाउन, टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की मदद से इन्फेक्शन के मामले लगभग खत्म कर दिए थे। यही वजह है कि एक पिज्जा पार्लर के कारण 36 मामले आ जाने पर वहां इतना हड़कंप मच गया। और 6 दिनों का इतना सख्त लॉकडाउन लगा, जिसे दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन माना जा रहा था।
पार्लर और झूठ बोलने वाले शख्स पर खतरा
तो क्या बेवजह लोगों और कारोबारियों का बड़ा नुकसान करने के कारण शख्स को किसी तरह की सजा मिलेगी? इसपर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक साउथ ऑस्ट्रेलिया पुलिस कमिश्नर ग्रांट स्टीवन ने कहा देश में झूठ बोलने पर कोई सजा नहीं है इसलिए वो शख्स सजा से बचा रहेगा। दूसरी ओर पिज्जा पार्लर के कर्मचारी के झूठ के सामने आने पर देशभर में उस शॉप के खिलाफ गुस्सा उमड़ा हुआ है। ऐसे में ये भी हो सकता है कि उस शख्स और पिज्जा पार्लर को पुलिस सुरक्षा भी मिले।
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