आदित्य ठाकरे पिछले कुछ समय से हर रोज किसी न किसी वजह से चर्चा में रहते है इसी बीच महाराष्ट्र सरकार ने अगले साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के सिलसिले में राज्य के परिवहन मंत्री आदित्य ठाकरे की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। यह समिति इन पुरस्कारों के लिए सभी क्षेत्रों से हस्तियों के नामों की सिफारिश करती है । वहीं, भाजपा ने इस का विरोध करते हुए कहा कि आदित्य ठाकरे इस समिति की अध्यक्षता के लिए योग्य नहीं हैं क्योंकि एक अदालती मामले में उनका नाम सामने आया है।
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शिवसेना नीत राज्य की गठबंधन सरकार के 11 अगस्त को प्रकाशित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्र ने राज्य सरकार को अगले साल 26 जनवरी 2021 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कारों के लिए नामों की सिफारिश करने का निर्देश दिया है। प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि इसी के अनुसार नौ सदस्यीय एक समिति गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष आदित्य ठाकरे होंगे। आपको बता दे आदित्य ठाकरे महाराष्ट्र सरकार में प्रोटोकॉल और पर्यावरण मंत्री भी हैं।
इस पर हमला बोलते हुए महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में बहुत सारे ऐसे मंत्री हैं, जो समिति की अध्यक्षता कर सकते हैं। भाजपा नेता ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण का सीधे जिक्र नहीं किया लेकिन कहा, ‘आदित्य का नाम अदालती मामले में सामने आया है। ऐसे व्यक्ति को किसी समिति की अध्यक्षता नहीं करनी चाहिए।’
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गौरतलब है कि सुशांत राजपूत मामले में मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में दलील पेश करते हुए बिहार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा था कि पटना में दर्ज प्राथमिकी विधि सम्मत एवं वैध है। उन्होंने यह दलील दी कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ आरोप मीडिया में आई खबरों के आधार पर लगाए गए, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) के बेटे की कथित भूमिका की भी खबरें हैं।
आपको बता दे दिवंगत अभिनेता के पिता के के सिंह द्वारा दर्ज कराई गई इस प्राथमिकी में रिया चकवर्ती पर यह आरोप लगाया गया था कि उन्होंने सुशांत को आ’त्मह’त्या के लिये मजबूर किया था। जिसके बाद आदित्य ने कहा था कि वह और उनके परिवार को सुशांत की मौ’त के मामले में बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि इस विषय से उनका कोई संबंध नहीं है।
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