नई दिल्ली। लालच बुरी बला है’ ये कहावत एक बार फिर सही साबित हुई। एमपी में ज्यादा राशन लेने के लालच में एक व्यक्ति ने ‘राजू’ नाम से अपने पालतू कुत्ते का नाम राशन कार्ड में डलवा दिया। यही नहीं राशन कार्ड के कॉलम ‘मुखिया से संबंध” में बाकायदा पुत्र भी लिखवाया है। जब जांच हुई तो सामने आया कि उनका बेटा राजू इंसान नहीं, बल्कि उनका पालतू कुत्ता है।
ये मामला मध्य प्रदेश के धार जिले के एक दूरवर्ती गांव का है, जहां के निवासी नरसिंह बोडार (75) अपने ‘बेटे’ के नाम पर पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (पीडीएस) कोटा से उपलब्ध 60 किलो राशन घर लाते रहे हैं। लेकिन जब पीडीएस अधिकारी उनके घर गए और राजू को बुलाया, तो वह पूंछ हिलाते हुए बाहर आया। यह देखकर अधिकारी भी हैरान रह गए। तब जाकर सामने आया कि नरसिंह एक साल से ज्यादा समय से अपने पालतू कुत्ते राजू के नाम पर राशन लाते थे, जिसमें 60 किलो गेहूं और चावल होता था। धार के खाद्य अधिकारी आनंद गोले ने बताया कि बोडिया पंचायत में उचित मूल्यों की दुकान स्थित है।
कैसे हुआ खुलासा
ये मामला तब खुला जब सेल्समैन कैलाश मारू ने आधार कार्ड मांगा। तीन आधार में से अपना और अपनी पत्नी का आधार नंबर तो उसने दे दिया, लेकिन जब तीसरे का आधार नंबर नहीं दे पाया तो पूछने पर उसने बताया कि वह तो मेरा कुत्ता है। इसके बाद कैलाश ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी और जांच करने का फैसला लिया। शुरुआती जांच में सामने आया कि राशन कार्ड पंचायत ऑफिस में तैयार किए गए थे। खाद्य अधिकारी आनंद गोले ने बताया, ‘हम इसकी जांच कर रहे हैं। उचित कार्रवाई होगी।’ दरअसल आधार नंबर समग्र पोर्टल में अपडेट कर दिए गए हैं इसलिए लाभार्थियों को वेरिफिकेशन के लिए अपना आधार कार्ड दिखाने को कहा गया था।
बता दें की राशन कार्ड पर दर्ज प्रति व्यक्ति को 5 किलो राशन दिया जाता है। यानी कुत्ते के नाम से सालभर में 60 किलो राशन बंट गया। लापरहवाही का आलम कुछ इस तरह है साल भर तक ये किसी की भी जानकारी में नहीं आया।
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