गोविंदपुरी स्टेशन पर चलती ट्रेन से देर रात उतरते समय दर्दनाक हादसा हो गया। इसमें प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंसकर युवक की मौत हो गई, जबकि बेबस बेटा बस देखा रहा।
कानपुर में गोविंदपुरी स्टेशन पर देर रात चलती ट्रेन से उतरते समय पैर फिसलने से प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच फंसकर युवक की मौत हो गई। वहीं, बेटा सामने खड़ा सिर्फ देखता रह गया। शोर मचाने पर चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी गई।
मूलरूप से बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र के रीगा गांव निवासी ओमप्रकाश (40) लखनऊ के ईको गार्डन में संविदा पर सफाईकर्मी था। परिवार में पत्नी गुड़िया और दो बेटे और दो बेटियां हैं। बड़े भाई राजा और श्यामलाल ने बताया कि ओमप्रकाश सोमवार को वह इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ जा रहा था।
उसके साथ उसका बेटा मयंक (13) भी था। अचानक उसने बर्रा में रहने वाली भांजी की शादी में शामिल होने का फैसला लिया। गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का स्टापेज नहीं है और वह चलती ट्रेन से उतरने लगा। उसने पहले बेटे मयंक को उतारा।
इसके बाद पीठ पर बैग लेकर खुद उतरने लगा। संतुलन बिगड़ने से वह फिसलकर प्लेटफार्म और ट्रेन के बीच फंस गए। पिता को फंसा देकर मयंक चीख पड़ा। यात्रियों ने शोर मचाकर चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी। जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने ओमप्रकाश को निकालकर हैलट भेजा।
वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने बेटे से घरवालों का मोबाइल नंबर लेकर उन लोगों को सूचना दी। जीएमसी आरपीएफ थाना प्रभारी सुरुचि शर्मा ने बताया कि चलती ट्रेन से उतरने के दौरान हादसा हुआ है। मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
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