आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से किया जाएगा सम्मानित, पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

लाल कृष्ण आडवाणी। लाल कृष्ण आडवाणी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।इस बात की जानकारी खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट के माध्यम से दी। उन्होंने कहा ”मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने भी उनसे बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी।

हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उप प्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। उनके संसदीय हस्तक्षेप हमेशा अनुकरणीय और समृद्ध अंतर्दृष्टि से भरे रहे हैं।”

लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रहे हैं। उनका भारत में एक लंबा और प्रभावशाली राजनीतिक करियर रहा है।आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को विभाजन-पूर्व सिंध में हुआ था। 1947 में विभाजन के बाद आडवाणी दिल्ली आ गये। वो 1951 में भाजपा के पूर्ववर्ती जनसंघ का हिस्सा बने, जब इसका गठन श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने किया था।

वह 1970 में राज्य सभा के सदस्य बने और 1989 तक इस सीट पर रहे। दिसंबर 1972 में, वह भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने जाने के 3 साल बाद यानी साल 1975 में मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्रित्व काल में आडवाणी को जनता पार्टी में सूचना एवं प्रसारण मंत्री नियुक्त किया गया।

लाल कृष्ण आडवाणी ने साल 1980 में देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ 1980 में भाजपा की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राम जन्मभूमि आंदोलन में लाल कृष्ण आडवाणी की भूमिका बेहद अहम रही। उन्होंने 1990 के दशक में अपनी नेतृत्वकारी भूमिका और अयोध्या में विवादित स्थल पर मंदिर के निर्माण की वकालत करने के लिए उन्हें प्रसिद्धि मिली।

इसके बाद उन्होंने राजनीति में नए आयाम हासिल किए। आडवाणी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)शासन के दौरान सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए उप प्रधान मंत्री और गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।हालांकि, हाल के वर्षों में, उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं के कारण सक्रिय राजनीतिक व्यस्तताओं से एक कदम पीछे ले लिया है।

 

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