नई दिल्ली। मुंबई में सुशांत सिंह राजपूत के केस में मुंबई और बिहार पुलिस के बीच की जंग तेज होती नजर आ रही है। अब बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मुंबई पुलिस से यह सवाल किया है कि उन्होंने सुशांत केस की जांच के दौरान उनके पैसों को लेकर जांच क्यों नहीं की। बता दें कि पांडेय उन ऑफिसरों में से एक हैं, जो खुलकर और स्पष्ट अपनी बात रखते हैं।
डीजीपी ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए मीडिया से कहा, ‘पिछले चार सालों में सुशांत के अकाउंट में करीब 50 करोड़ रुपये आए और हैरानी वाली बात यह है कि ये सारे पैसे निकाल भी लिए गए। एक साल में उनके अकाउंट में 17 करोड़ रुपये आए, जिसमें से 15 करोड़ रुपये निकाले गए। क्या यह जांच के लिए एक अहम वजह नहीं? हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। हम मुंबई पुलिस से सवाल करेंगे कि इस तरह के अहम मुद्दों को क्यों दबाया जा रहा है।’
बीते रविवार को बिहार पुलिस की जांच टीम का नेतृत्व करने के लिए पटना सिटी एसपी विनय तिवारी रविवार शाम मुंबई पहुंचे और उन्हें बीएमसी की ओर से क्वारंटीन किया गया, इसको लेकर भी उन्होंने सवाल किए। उन्होंने कहा, ‘इस केस से जुड़े सबूत या पोस्टमॉर्टम व फॉरेंसिक रिपोर्ट्स जैसी चीजें हमें देने की जगह मुंबई पुलिस ने ऑलमोस्ट उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया। मैंने इस तरह का असहयोग किसी और राज्य की पुलिस में नहीं देखा है। यदि मुंबई पुलिस केस को सुलझाने को लेकर ईमानदार होती तो वे हमारे साथ इस जांच के डीटेल्स शेयर करती।’
सुशांत केस में मुंबई पुलिस की जांच पर बिहार पुलिस ने कई सवाल खड़े किए हैं, जिसके बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने हाल ही में मीडिया से बातचीत की और अपनी टीम की जांच को सही और प्रफेशनल बताया है।
विहार में सुशांत के पिता केके सिंह ने रिया चक्रवर्ती सहित और छह अन्य लोगों के खिलाफ उनके बेटे को कथित रूप से ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ का मामला मंगलवार को पटना में दर्ज कराया। जिसके बाद बिहार पुलिस की चार सदस्यीय टीम जांच के लिए बुधवार को मुंबई पहुंची। इसी टीम का नेतृत्व करने के लिए पटना सिटी एसपी विनय तिवारी भी रविवार शाम मुंबई पहुंचे थे। बिहार पुलिस ने आरोप लगाया है कि बिनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन किया गया है।
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