लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने गठबंधन तोड़ने के ऐलान के बाद महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य को पैदल कर दिया है. दरअसल सपा ने विधानसभा चुनावों से पहले केशव देव मौर्य को एक फॉर्च्यूनर कार गिफ्ट में दी थी, जिसे गठबंधन टूटने के बाद वापस मंगा ली है। दरअसल राज्यसभा औरविधान परिषद में हिस्सेदारी ना मिलने को लेकर महानदल सपा से नाराज़ चल रहा था। जिसके बाद उसने गठबंधन का साथ छोड़ दिया है।
यूपी में विधानसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने केशव देव मौर्य की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें भगवान श्री कृष्ण बताया था और उन्हें अखिलेश के सारथी का तमगा दिया था। रामगोपाल यादव ने तब कहा था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के चुनावी रथ के सारथी महान दल के केशव देव मौर्य होंगे।बता दें कि अब उस सारथी से उसका रथ छीन लिया गया है।
केशव देव मौर्य से सपा से जब गठबंधन किया था, तब यह उम्मीद की गई थी कि केशव के जरिये समाजवादी पार्टी को खासा फायदा मिलेगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है। पिछड़ी जातियों में प्रमुख शाक्य, मौर्य, कुशवाहा और सैनी वर्ग से जुड़े केशव अपनी जाति पर प्रभाव नहीं छोड़ सके जबकि इसके ठीक विपरीत सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का इस जाति पर व्यापक असर दिखाई दिया। इसका असर यह हुआ है कि भाजपा की ओर से उतारे गए शाक्य, मौर्य, कुशवाहा और सैनी वर्ग के उम्मीदवारों ने खासी कामयाबी पाकर भाजपा को ताकत प्रदान की है। लेकिन अब केशव देव ने सपा का साथ छोड़ दिया है।
केशव देव मौर्य ने कहा कि “कई बार समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुझसे शिकायत की है और उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मी उन्हें अखिलेश यादव से मिलवाने के लिए पैसे लेते हैं। अगर पैसे नहीं दिए तो मिलने नहीं देते और अगर पैसे दे दिए तो मिलवाते हैं।”
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