अखिल भारतीय स्वामी हरिदास संगीत समारोह आठ से

कालाकारों को दिया जाएगा स्वामी हरिदास संगीत कला रत्न सम्मान
वृंदावन (मथुरा)। संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदास महाराज के आविर्भाव समारोह के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय स्वामी हरिदास संगीत सम्मेलन एवं स्वामी हरिदास संगीत कला रत्न सम्मान समारोह 08 एवं 09 सितम्बर को ठा0 श्री राधा सनेह बिहारी मंदिर में आयोजित किया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष आचार्य अतुल कृष्ण गोस्वामी ने बताया कि स्वामी हरिदास जी जैसा संगीत शिरोमणि कोई दूसरा इस पृथ्वी पर नहीं हुआ है। उनके संगीत में अध्यात्म के साथ प्रेम भरी भक्ति थी। जिसे सुनकर स्वयं प्रिया प्रियतम राधा-कृष्ण नृत्य करते थे। लुप्त हुए शास्त्रीय संगीत को उन्होंने पुनः जीवित किया। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा गायन, वादन एवं नृत्य की अद्भुत जुगलबन्दी प्रस्तुति की जायेगी।
उन्होंने बताया कि महोत्सव का उद्घाटन 08 सितम्बर सायं 6 बजे ब्रजमण्डल के सुप्रसिद्ध संत काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज के कर कमलों द्वारा स्वामी के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया जायेगा। इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार 08 सितम्बर को सुश्री सुगलना बनर्जी (कत्थक नृत्य) कोलकाता, विशाल मिश्रा (सितार वादन) बनारस, डाॅ0 कुसुम भट्ट (शास्त्रीय संगीत गायन) दिल्ली, सुश्री शिल्पी बरूरी (भरतनाट्यम नृत्य) कोलकाता, आशुतोष वर्मा (तबला वादन) दिल्ली, 09 सितम्बर को सुश्री शैफाली गोयल (कत्थक नृत्य) दिल्ली, सुश्री विधि शर्मा (उप शास्त्रीय संगीत गायन) दिल्ली, सुश्री नन्दनी चौधरी (ओड़िसी नृत्य) कोलकाता, अजय प्रसन्ना एवं नीरज सक्सेना (वंशी वादन, जुगलबन्दी) दिल्ली, लखनऊ अपनी कलात्मक प्रस्तुति देंगे। इस वर्ष भी ख्याति प्राप्त कलाकारों को स्वामी हरिदास संगीत रत्न कला सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
समिति के सह संयोजक आचार्य बद्रीश ने कहा कि स्वामी जी से तानसेन, बैजूबावरा जैसे संगीतग्यों ने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली और संगीत का सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रचार प्रसार किया। पं0 प्रदीप गोस्वामी ने कहा कि आज फिर शास्त्रीय संगीत को खतरा उत्पन्न हो गया है युवाओं का पाॅप संगीत की ओर आकर्षण बढ़ रहा है। हमें संगीत सम्मेलन आयोजन करके शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देना अति आवश्यक है।
प्रेसवार्ता में पं0 बिहारी लाल वशिष्ठ, आचार्य बद्रीश, भागवताचार्य नागेन्द्र गौड़, पं0 गोपाल चतुर्वेदी, पं0 राधा बिहारी गोस्वामी, आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, पं0 गोकुल चन्द्र गोस्वामी, पं0 प्रदीप गोस्वामी, पं0 अशोक गोस्वामी, पं0 मयंक शर्मा, पं0 रवि शर्मा (पप्पू), पं0 अरविन्द गोस्वामी, पं0 कृष्ण मुरारी शर्मा, पं0 देवेन्द्र शर्मा आदि अनेकों लोग उपस्थित थे।

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