हाईकोर्ट का डंडा: राहुल के न्याय स्कीम पर कांग्रेस को नोटिस, पूछा क्यों न इसे गरीबों को रिश्वत देना समझें

नई दिल्ली। कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में जिस ‘न्याय योजना’ का वादा किया गया है, वह पार्टी के लिए मुसीबत बन सकती है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार (19 अप्रैल) को एक याचिका की सुनवाई करते हुए कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि इस वादे को गरीबों को रिश्वत देने जैसा क्यों न माना जाए?
हाईकोर्ट के वकील मोहित कुमार द्वारा दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर और जस्टिस एसएम शमशेरी की डिवीजन बेंच ने कहा, “इस तरह की घोषणा वोटरों को रिश्वत देने की कैटगरी में क्यों नहीं? क्यों न पार्टी के खिलाफ पाबंदी या दूसरी कोई कार्रवाई की जाए?” अदालत ने इस मामले में चुनाव आयोग से भी जवाब मांगा है. कांग्रेस पार्टी और चुनाव आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट ने दो हफ्ते का समय दिया है. अदालत ने माना है कि इस तरह की घोषणा रिश्वतखोरी व वोटर्स को प्रभावित करने की कोशिश है.
बता दें कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में गरीबों के लिए सालाना 72 हज़ार रुपये उनकी आय सुनिश्चित करने का वादा किया है. कांग्रेस ने इस स्कीम को न्याय योजना का नाम दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी के तमाम नेता अपने चुनाव प्रचार के दौरान इसका जमकर प्रसार कर रहे हैं. कांग्रेस का मानना है कि यह स्कीम लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित होगी.
स्कीम के तहत कांग्रेस देश के 20 करोड़ गरीबों के खाते में 6 हजार रुपये देकर उन्हें गरीबी रेखा से बाहर निकालने का दावा कर रही है. उसके मुताबिक हर उस परिवार की न्यूनतम आय 6 हजार सुनिश्चित की जाएगी जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*