अमित शाह का ऐलान: भाजपा सरकार न ट्रस्ट का सदस्य बनेगी और न ही मंदिर के लिए धन देगी, जानिए वजह

लखनऊ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की डगर कुछ आसान होती नजर आ रही है। राम मंदिर निर्माण में आई सबसे बड़ी बाधा को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से हल कर दिया है। फैसले के अनुसार केंद्र सरकार के बनाए ट्रस्ट को ही राम मंदिर का निर्माण करना होगा। करीब डेढ़ माह बीत चुका है और ट्रस्ट गठन के लिए करीब डेढ़ माह का ही समय और बाकी है। इस बीच उठी रही कई आवाजों को शांत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने यह ऐलान किया कि ट्रस्ट में भाजपा को कोई सदस्य नहीं होगा।

नवंबर के दूसरे सप्ताह में विश्व हिंदू परिषद ने एक सुझाव दिया था कि गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐसे किसी भी सुझाव को खारिज करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई भी सदस्य उस ट्रस्ट का सदस्य नहीं होगा जो अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की देखरेख करेगा। वह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस ट्रस्ट में शामिल नहीं होंगे।

नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और मस्जिद के लिए अलग पांच एकड़ जमीन देने का फैसला दिया था। साथ ही यह भी आदेश दिया कि राम मंदिर का निर्माण ट्रस्ट करेगा। ट्रस्ट बनाने की जिम्मेदारी सरकार सौंपी है। ट्रस्ट को तीन माह के अंदर बनाना होगा है।

गृहमंत्री अमित शाह ने साक्षात्कार में कहा, “मैं दो चीजें स्पष्ट करना चाहता हूं, भाजपा सदस्यों में से कोई भी ट्रस्टी नहीं होगा और सरकार परियोजना पर कुछ भी खर्च नहीं करेगी। ट्रस्ट को इसे (मंदिर) बनाने के लिए समाज से चंदा इकट्ठा करना होगा।

शाह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने हमें 90 दिनों के भीतर मंदिर बनाने की योजना के साथ आने वाली सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने का आदेश दिया है और मुझे विश्वास है कि हम ऐसा जल्द ही लेंगे।”

विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने बयान जारी कर बताया कि विश्व हिंदू परिषद या श्री राम जन्मभूमि न्यास के द्वारा 1989 के बाद से कोई सार्वजनिकतौर पर न तो धन संग्रह किया गया है और न ही इसके लिए कोई आह्वान किया गया है।

विहिप के प्रवक्ता विनोद बंसल के अनुसार, उन्हें आशंका है कि विश्व हिंदू परिषद के नाम पर अवैध तरीके से धन इकट्ठा किया जा सकता है। विहिप ने लोगों को सावधान करने के लिए अपना बयान जारी किया है ताकि लोग सावधान रहें।

झारखंड की एक चुनावी रैली में अमित शाह ने कहा था कि अगले चार महीनों में अयोध्या में “आकाश से ऊंचा” मंदिर का निर्माण शुरू होगा।

विहिप नहीं करेगा क्राउड फंडिंग की कोई घोषणा :-

चंदे मामले पर अपना बात रखते हुए विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि लोगों से चंदा लेने का उद्देश्य दुनियाभर से राम भक्तों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने आगे कहा, “विहिप क्राउड फंडिंग के लिए कोई घोषणा नहीं करेगा। इसके बजाय, ट्रस्ट अपील जारी करेगा। मैं यह स्पष्ट कर दूं कि विहिप मंदिर निर्माण के लिए कोई धनराशि एकत्र नहीं करेगा, ना ही परिषद मंदिर का निर्माण करेगी। मंदिर के निर्माण के बाद, परिषद न तो मंदिर का प्रबंधन करेगी और न ही मंदिर में दिए गए प्रसाद में कोई भागीदारी या अधिकार होगा। सब कुछ ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।”

झारखंड के पाकुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए सोमवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक और बड़ा बयान दिया कि चार महीने में अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है। अब हम उस पर अमल करेंगे।

बयान का अयोध्या के संतों ने स्वागत किया :-

वहीं राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर अमित शाह के बयान का अयोध्या के संतों ने जमकर स्वागत किया है। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अमित शाह का बयान स्वागत योग्य है। राम मंदिर के लिए जो भी ट्रस्ट बने उसमें बुद्धिजीवी और समझदार लोग शामिल हों क्योंकि ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।

अयोध्या संत समिति के कन्हैया दास ने कहा कि समिति अमित शाह के कथन का स्वागत करती है। उन्होंने सोच-समझकर ये कहा है। ये अच्छी बात है कि गैरराजनीतिक लोग राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट में शामिल किए जाएं।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*