मोदी सरकार का एक और कारनामा, 33 साल बाद बदलने जा रही है ये,,,

नई दिल्ली: भारत की शिक्षा नीति को अंतिम रूप देने की तैयारी मानव संसाधन मंत्रालय ने शुरू कर दी है। भारत सरकार 2020 के शैक्षिण सत्र में ही देश को नई शिक्षा नीति देना चाहती है। नई शिक्षा नीति के अंर्तगत भारत सरकार शिक्षा के अधिकार का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। फिलहाल आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई, शिक्षा के अधिकार के दायरे में आती है। नई शिक्षा नीति में भारत सरकार इस दायरे को बढ़ाकर 12वीं कक्षा तक शिक्षा का अधिकार लागू कर सकती है।

Image result for modi

नई शिक्षा नीति जारी करने से पहले मानव संसाधन मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

नई शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून के दायरे को व्यापक बनाया जा सकता है। इसमें अब तक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा को ही शामिल किया गया है, जो 6 से 14 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों को इस कानून के दायरे में लाने की बात करती है। नई शिक्षा नीति में प्राथमिक-पूर्व शिक्षा के महžव को स्वीकारते हुए इस कानून का दायरा प्राथमिक-पूर्व शिक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की शिक्षा के लिए लागू करने की सिफारिश की गई है।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “मेरा सदैव से यह प्रबल मत रहा है कि केवल शिक्षा में ही वह क्षमता है जो किसी राष्ट्र को वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित कर सकता है। 33 साल बाद एक व्यापक विमर्श के बाद नई शिक्षा नीति आ रही है जो नव भारत का निर्माण सुनिश्चित करेगी।”

Image result for modi

दरअसल पिछली शिक्षा नीति तीन दशक पहले आई थी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए पूर्व कैबिनेट सचिव टी.एस.आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया। कमेटी नई शिक्षा नीति का मसौदा पेश कर चुकी है, लेकिन किसी कारण उसे अनुकूल नहीं पाया और वर्ष 2016 में अंतरिक्ष वैज्ञानिक के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक नई समिति गठित की गई।

निशंक ने इस मौके पर कहा “21वीं सदी में सामाजिक आर्थिक विकास के सूत्रपात को तैयार, भारत की उभरती अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु श्रेष्ठतम पेशेवरों की आवश्यकता है।”

नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई को 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 के फॉर्मूले के तहत चार चरणों में बांटने की बात नई शिक्षा नीति में कही गई है। पांच साल का पहला चरण 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए है, इसे फाउंडेशन स्टेज कहा गया है। दूसरा चरण कक्षा 3 से 5 तक 8 से 11 वर्ष के बच्चों के लिए है। तीसरा चरण कक्षा 6 से 8 तक 11 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए है, इसे मिडिल स्टेज कहा गया है। चौथा और अंतिम चरण कक्षा 9 से 12 तक 14 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए है, इसे सेकेंडरी स्टेज कहा गया है।

शिक्षा नीति की तैयारियों के बीच निशंक ने कहा, “तेजी से बदलते वैश्विक परिवेश में भारत गुणवत्तापरक शिक्षा एवं उद्यमशीलता के माध्यम से विश्व को नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता रखता है।”

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*