नई दिल्ली। तीन तलाक पर एआईएमआईएम के सांसद असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओ के पक्ष में नहीं है. यह कानून मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ जुर्म करेगा. इस्लाम में 9 तरह के तलाक होते हैं. इस कानून के अनुसार अगर आप शौहद को गिरफ्तार करेंगे तो खातून को मेंटेनेंस कौन देगा. शौहद जेल में बैठकर मेंटेनेंस कैसे देगा?
ओवैसी ने कहा, ‘इस बिल में तीन तलाक को अपराध बना दिया है. कोर्ट ने समलैंगिकता को गैर अपराधिक बना दिया है, ऐसे में आप तीन तलाक को अपराध बनाकर नया हिन्दुस्तान बनाने जा रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि तीन तलाक अगर गलती से कहा जाए तो शादी नहीं टूटती और यही सुप्रीम कोर्ट भी कह रहा है. इस कानून के जरिए सरकार मुस्लिम औरतों पर जुर्म कर रही है.
लोकसभा में ओवैसी ने कहा कि पति की गिरफ्तारी के बाद क्या कोई शौहर पत्नी को मुआवजा दे पाएगा. अगर पति जेल चला जाएगा तो क्या औरत तीन साल तक उसका इंतजार करती रहे. उस औरत को शादी से निकलने का हक मिलना चाहिए.
सरकार शादी खत्म कर रही
ओवैसी ने कहा कि बेल देने का हक केवल कोर्ट को है. लेकिन हत्या में भी पीड़ित को नहीं सुना जाता है. तीन तलाक बिल लाकर सरकार शादी खत्म कर रही है और औरत को सड़क पा ला रही है. मुस्लिमों को तहजीब से दूर करने के लिए यह बिल लाया गया है.
ओवैसी ने कहा कि इस्लाम में शादी जन्म-जन्म का साथ नहीं होता है. केवल एक कांन्ट्रैक्ट होता है. एक जिंदगी के लिए. हम उसमें खुश हैं. इसकी तकलीफ सबको मालूम है. तभी सदन में बैठे सभी लोग हंस रहे हैं.
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