जालौन निनावली सरकार के आश्रम में बाबा मणींद्र महाराज का लखनऊ से दिल्ली तक सिक्का चलता था। भाजपा का छोटा बड़ा हर नेता उसके सामने सिर झुकाने जाता था। अब बाबा पर हत्या का आरोप लगा है। बाबा सलाखों के पीछे जा चुका है। बाबा की सुरक्षा में तैनात एक दरोगा को भी हत्या के आरोप में हिरासत में लिया गया है।
जालौन निनावली सरकार के आश्रम में युवक की हत्या के मामले में आखिरकार पुलिस ने दरोगा राजेंद्र तिवारी को आरोपी बना दिया। घटना के तुरंत बाद दर्जनों गांव वालों ने बाबा मणींद्र महाराज के साथ दारोगा राजेंद्र तिवारी को भी आरोपों में घेरा था। रामपुरा थाने के सूत्र के अनुसार दारोगा बाबा का इस कदर भक्त था कि उनकी सेवा करते करते वह नौकरी से वीआरएस लेने का भी मन बना चुका था। तीन माह पूर्व भी उसने वीआरएस के लिए भी प्रार्थनापत्र दिया था। बाद में बाबा के ही कहने पर ही उसे वापस भी ले लिया था।
एएसपी डा.एके सिंह का कहना है कि मामले से संबंधित हर एक बिंदु पर जांच की जा रही है। दारोगा पर सख्त विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। बता दें कि 26 दिसंबर को निनावली सरकार के आश्रम में बाबा के शिष्य रविशंकर की दरोगा राजेंद्र तिवारी की सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उक्त मामले मेें पुलिस ने पहले ही दिन बाबा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि वारदात के तुरंत बाद गांव वालों ने दारोगा और बाबा दोनों पर ही हत्या का आरोप लगाया था।
बाबा को जेल भेजने के बाद पुलिस ने आनन फानन में दरोगा राजेंद्र तिवारी को भी मामले में आरोपी बनाते हुए शनिवार की शाम न सिर्फ उसकी गिरफ्तारी दिखाई बल्कि आनन फानन में दारोगा को भी जेल भेज दिया गया। इस दौरान पुलिस के एक बड़े अधिकारी भी मामले की जांच के लिए जनपद में ही डेरा डाले थे। थाने से मिली जानकारी के मुताबिक 80 बैच का दारोगा कानपुर के सचेंड़ी थाना क्षेत्र का निवासी है। सिपाही से दीवान और एसआई बनने वाला राजेंद्र तिवारी डेढ़ दो साल बाद ही रिटायर्ड भी होने वाला था।
पिछले छह माह पूर्व ही रामपुरा थाने से दरोगा की ड्यूटी आश्रम में बाबा की सुरक्षा के लिए लगाई गई थी। बताया जाता है कि बाबा के संपर्क में आते ही वह उनका इस कदर भक्त हुआ की। उसने तीन माह पूर्व भी बाबा की सेवा के लिए नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का मन बनाते हुए प्रार्थनापत्र विभाग को दिया था। करीबियों की मानें तो बाद में दरोगा ने बाबा के कहने पर ही वीआरएस का प्रार्थनापत्र वापस भी ले लिया था। ग्रामीणों के मुताबिक दरोगा राजेंद्र तिवारी बाबा की सुरक्षा के साथ साथ सेवादारी भी करता था।
परिजनों की तहरीर के मुताबिक पुलिस फिलहाल तो रविशंकर से जबरन सेवादारी कराने के विरोध को ही वारदात की वजह मान रही है, लेकिन यह सब जानते हैं कि हत्या के पीछे कारण कुछ और है। बाबा के हाई प्रोफाइल होने और वारदात के बाद हुए बवाल के कारण हत्या का सही कारण अब तक सामने नहीं आ सका है। सूत्रों के अनुसार पुलिस जल्द ही बाबा और दरोगा दोनों को अलग-अलग रिमांड में लेकर हत्या की सही वजह की पता लगाने का प्रयास करेगी। माना जा रहा है कि वारदात के पीछे किसी न किसी तीसरे का भी हाथ हो सकता है।
बाबा मणींद्र महाराज का जिले से लेकर लखनऊ दिल्ली तक जिन जिन प्रभावशाली लोगों से संपर्क थे अब उनके परिजन बाबा के लिए उन्हीं लोगों से संपर्क साधने में लगे हैं। ताकि कहीं से कोई मदद मिल सके। परिजनों का कहना है कि बाबा को साजिश के तहत फंसाया गया है। जिसे वह साबित भी करेंगे। सूत्रों के अनुसार फिलहाल बाबा व उसके परिजनों को कहीं से भी मदद मिलने के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं।
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