
यूनिक समय, नई दिल्ली। बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर के निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है, और इसके बाद अब इस परियोजना के लाभों पर चर्चा तेज हो गई है। जहां यह फैसला श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद साबित होगा, वहीं शहर के विकास में भी यह महत्वपूर्ण योगदान देगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कॉरिडोर के बनने से मथुरा और वृंदावन के पर्यटन क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा। जैसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने काशी में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा किया था, वैसा ही कुछ मथुरा में भी होने की उम्मीद है।
कॉरिडोर बनने के बाद, मथुरा और वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दोगुना इजाफा होगा। इस विकास से शहर में पर्यटन की दिशा में नए अवसर खुलेंगे और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे बिना किसी असुविधा के अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।
स्थानीय प्रशासन और व्यापारियों का मानना है कि जैसे-जैसे यहां सुविधाओं में वृद्धि होगी, लोगों का रुझान इन क्षेत्रों की ओर और बढ़ेगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर इसका एक अच्छा उदाहरण है, जहां श्रद्धालुओं की संख्या में दो गुना वृद्धि हुई है।
वहीं, पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में मथुरा जिले में करीब 21.96 करोड़ श्रद्धालुओं ने दौरा किया, जिसमें सबसे ज्यादा 2.55 करोड़ श्रद्धालु वृंदावन के श्री बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। इस आंकड़े में 70 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। मथुरा और वृंदावन में विदेशी पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, और यह कॉरिडोर बनने के बाद दोगुना हो सकता है।
अधिकारियों का कहना है कि हर साल मथुरा-वृंदावन में श्रद्धालुओं की संख्या में आठ से दस लाख का इजाफा हो रहा है। कॉरिडोर बनने के बाद यह आंकड़ा दोगुना होने की पूरी संभावना है।
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