
यूनिक समय, मथुरा। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर उत्पन्न शंकाओं पर प्रशासन ने एक बार फिर स्पष्ट रुख अपनाया है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह और उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र ने भरोसा दिलाया कि मंदिर की पूजा-पद्धति, सेवायतों के परंपरागत अधिकारों, और उन्हें मिलने वाली दान-दक्षिणा में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
ब्रज वृंदावन देवालय समिति के प्रतिनिधियों के साथ परिषद सभागार में हुई बैठक में डीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ही यह कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जो कि श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर परिसर की सुव्यवस्थित व्यवस्था के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर की परंपराओं और सेवायतों के अधिकारों में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया जाएगा।
बैठक में समिति के अध्यक्ष आलोक गोस्वामी ने बताया कि सेवायतों को सेवा-पूजा और परंपराओं को लेकर जो संदेह थे, उनका समाधान जिला प्रशासन और परिषद के अधिकारियों द्वारा कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि गलियों के संरक्षण को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है, वह गलत है। अधिकांश गलियां अब कंक्रीट के निर्माणों से भर गई हैं, न कि हरियाली से। उन्होंने कहा कि समिति हरियाली युक्त वातावरण की पक्षधर है और प्रशासकीय सुधारों का स्वागत करती है।
आलोक गोस्वामी ने यह भी कहा कि कॉरिडोर निर्माण में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, और सेवायतों की परंपरागत पूजा, सेवा और दान-दक्षिणा की प्रणाली यथावत रहनी चाहिए।
इस अवसर पर परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह, कांतानाथ चतुर्वेदी, गोविंद पांडेय सहित कई मंदिर प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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