रोप-वे बनने की सभी अड़चनें हुई दूर, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
-जुलाई के प्रथम सप्ताह में वन विभाग की जमीन हो सकती है हस्तांतरित
– 15-20 करोड़ की लागत से एक साल में बनकर तैयार होगा रोपवे
— 275 सीढी चढकर जाना पड़ता है लाडलीजी मंदिर
मथुरा। अब भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की लीला भूमि बरसाना में रोप-वे तैयार होने जा रहा है। इसके लिए पर्यावरण संबंधी मामले में सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिल चुकी है। सारी अड़चनें दूर हो गई है। जुलाई के प्रथम सप्ताह में जमीन भी हस्तांतरित कर दी जाएगी। करीब एक साल में ये सौगात ब्रज में आने वाले श्रद्धालुओं को मिल जाएगी।
चित्रकूट में भी रोप-वे तैयार हो चुका है। अब मथुरा ने रोप-वे के निर्माण में आ रही सभी बाधाएं दूर कर ली हैं। सिर्फ वन संबंधी जमीन का हस्तांतरण होना बाकी रह गया है। जिसके जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में हस्तांतरित हो जाने की प्रबल संभावना है।
कंपनी ने भी चित्रकूट के बाद अब मथुरा में काम करने की तैयारी कर ली है। ट्रिपल-पी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। इसमें बरसाना की पहाड़ियों पर श्रीजी के दर्शन को भक्त रोप-वे से पहुंचेंगे।
बरसाना में 275 सीढ़ियों से ब्रह्मगिरी पर्वत स्थित लाडलीजी मंदिर तक पहुंचने वाले राधारानी के भक्त अगले वर्ष रोप-वे से 200 मीटर के सफर का लुत्फ उठाएंगे। ट्रिपल-पी मॉडल के इस प्रोजेक्ट पर करीब 15 से 20 करोड़ की लागत आ रही है। यह प्रोजेक्ट मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार कराया जा रहा है।
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