नई दिल्ली। रविवार को बाड़मेर के जसोल में रामकथा के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के बाद गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। मौत के तांडव के बाद खामोशी छाई है. उधर रामकथा वाचक मुरलीधर महाराज को हादसे के बाद जब भक्तों की मौत की खबर मिली तो उनकी तबियत भी बिगड़ गई.
मुरलीधर महाराज ने बताया कि अचानक से हवा आई तो उन्हें महसूस हुआ कि यह हवा बहुत तेज है. इसके चलते उन्होंने लोगों को चेतावनी दी कि हवा तेज हो चुकी है और कथा रोकनी पड़ेगी. आप सब पंडाल खाली कर दीजिए. बकौल मुरलीधर महाराज के ये शब्द खत्म ही नहीं हुए कि एक तेज बवंडर आया और सब कुछ तहस-नहस करके चला गया. मुरलीधर महाराज की मानें तो वह जैसे ही व्यासपीठ से नीचे उतरे उनके ऊपर भी पंडाल गिर गया. एक भक्त ने उन्हें चेतावनी दी कि किसी भी लोहे के एंगल को हाथ न लगाएं. उनमें करंट आ गया है.
भक्तों की मौत की खबर के बाद बिगड़ी तबीयत
उसके बाद कथावाचक महाराज को पंडाल से बाहर निकाला गया. उनकी गाड़ी में कई घायलों को उनका ड्राइवर अस्पताल ले गया. जब मुरलीधर महाराज को उनके सामने बैठकर ही कथा सुनने वाले उनके भक्तों की मौत की सूचना मिली, तब उनकी तबियत अचानक खराब होने लगी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया.
15 श्रद्धालुओं की हो गई थी मौत
उल्लेखनीय है बाड़मेर के बालोतरा इलाके के जसोल गांव में रविवार को रामकथा के दौरान आए तेज बवंडर के कारण वहां लगा लोहे का पंडाल गिर गया था. उस समय पंडाल में एक हजार से भी ज्यादा लोग मौजूद थे. आंधी-तूफान के साथ आई बारिश से पंडाल में करंट फैल गया. पंडाल गिरने और उसमें करंट फैलने से 15 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और चार दर्जन से ज्यादा गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उनका बालोतरा समेत अन्य स्थानों पर इलाज चल रहा है.
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