वर्चस्व की लड़ाई: बिहार के आरा का बालू घाट खून से हुआ लाल, दो लोगों को गोलियों से भूना!

भोजपुर। बिहार के आरा में अवैध रेत के खनन को लेकर दो गुट आमने-सामने आ गए। दोनों तरफ से जमकर गोलियां दागी गई। इस लड़ाई में गोली लगने से दो लोगों की मौत हो गई। मामला भोजपुर जिले के कोईलवर थाना क्षेत्र के राजापुर दियारा का है। यहां के कामलुचक बालू घाट पर एक बार फिर बालू माफियाओं में वर्चस्व की जंग शुरू हो गई है। शुक्रवार की शाम हुई फायरिंग में बैंक कर्मी सहित दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद आसपास के इलाके में सनसनी फैल गई है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

मृतकों में यूपी के महाराजगंज थाना क्षेत्र के बेलभरिया गांव का रहने वाला दुर्गेश है। जिसकी उम्र 34 साल बताई जा रही है। वह नवादा थाना क्षेत्र के जज कोठी स्थित मणिपुरम बैंक में क्लर्क के रूप में कार्यरत था। जबकि दूसरा मृतक मूल रूप से पटना के नौबतपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला संजीत कुमार था। वह वर्तमान में नवादा थाना क्षेत्र के रामनगर चंदवा हाउसिंग मोहल्ले में रहता था और पेशे से मुंशी था।

मृतकों के मित्र दीपक सिंह ने बताया कि उनके पार्टनर कामेश्वर राय का बालू घाट का टेंडर हुआ था। उसी बालू घाट का शुभारंभ करने को लेकर सभी लोग वहां पूजा करवा रहे थे। जहां करीब ढाई सौ की संख्या में लोग आए हुए थे। उसी दौरान अचानक दूसरे पक्ष के 25 लोग वहां आ धमके और गोलियां बरसानी शुरू कर दी। फायरिंग होते ही लोगों के बीच भगदड़ मच गई। तभी भगदड़ में भागने के दौरान दोनों लोगों की गोली लग गई। जिससे दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जिसके बाद अपनी जान बचाकर सभी लोग कोईलवर थाना पहुंचे और इसकी जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल ले आई। दीपक सिंह ने वर्चस्व कायम रखने और अवैध बालू खनन को लेकर सत्येंद्र पंडित नामक व्यक्ति और उसके अन्य साथियों पर हत्या और फायरिंग का आरोप लगाया है।

बता दें कि पिछले साल एक मई से ही जिले में बालू खनन पर रोक के बाद पिछले महीने से घाटो की बंदोबस्ती हुई है। जिस घाट पर यह वारदात हुई है, उस पर वैध रूप से अब तक तीन ट्रैक्टरों का ही चालान कटा है। ये भी बता दें कि जिले के 53 बालू घाटों में से 18 घाट अब भी बंद पड़े हैं।

 

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