विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति में भूचाल, योगी मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा

महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, लखनऊ/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और यूपी के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव परिणाम के बाद यूपी की राजनीति में भूचाल सा आता दिखाई दे रहा है। लखनऊ से लेकर दिल्ली तक भाजपा के गलियारे में सरगर्मी शुरु हो गई।
विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर भाजपा हाईकमान चिंतित नजर आने लगा है। चुनाव 2022 में भाजपा की जमीन खिसकते के संकेतों से रणनीतिकारों की नींद उड़ गई है। रणनीतिकार वर्ष 2022 में जनता का विश्वास जीतने के लिए योगी मंत्रिमंडल एवं संगठन में फेरबदल करने के मूड़ में दिखाई दे रहे हैं।

दिल्ली में भाजपा के रणनीतिकारों का मंथन शुरु हो गया। संकेत मिल रहे हैं कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर संगठन में दायित्व सौंपने की तैयारी हो रही है। संभवत उनको भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव भी उनकी अगुवाई में लड़ा गया था। उस समय वह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष थे। इसके पीछे की वजह यह बताई जा रही है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह से कार्यकर्ताओं की नाराजगी। वैसे भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। उधर, यूपी में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने में ढील ढाल वाला रवैया के बारे में हाईकमान तक रिपोर्ट पहुंचना शामिल है।

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव तक भाजपा की इमेज बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास पात्र गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी एके शर्मा को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप मिल सकती है।

संकेत मिल रहे हैं कि उनको यूपी का डिप्टी सीएम बनाये जाने के साथ गृहमंत्री का पद भी मिल सकता है। कई और मंत्रियों को हटाए जाने की चर्चा चल रही है तो कई मंत्रियों के पर भी कतरे जा सकते हैं। अब सभी की निगाहें आगामी दिनों में योगी मंत्रिमंडल के विस्तार पर टिकी हैं। भाजपा के रणनीतिकारों की विधानसभा चुनाव जीतने के लिए क्या रणनीति बनती हैं। यह देखने वाली बात होगी। बताते चलें कि ‘यूनिक समय’ ने कई माह पहले ही इन संके तों की ओर इशारा दे दिया था। अब उन पर मुहर लगने जा रही हैं।

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