देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए योगी आदित्यनाथ ने अब एक बड़ा फैसला लिया है और लम्बे समय से उद्योग को चलाने के साथ उनको छूट देने की घोषणा की है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इस बात का संकेत वाराणसी और अन्य शहरों के उधमियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में उद्योग शुरू करने की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर अब एक वर्ष तीन माह किया जा सकता है।
राज्य में नए औद्योगिक निवेश करने और पूर्व में स्थापित औद्योगिक प्रतिष्ठानों व कारखानों के लिए श्रम नियमों में एक हजार दिवस यानी तीन साल के लिए अस्थायी छूट दी गई है। रेड जोन में भी कुछ शर्तों के साथ उद्यम खोलने की अनुमति दी गई है। अब सभी औद्योगिक क्षेत्रों में आवश्यक सड़क निर्माण व अवस्थापना सुविधाओं आदि कार्यो को कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। अन्य जिलों से श्रमिकों को चंदौली में लाने की व्यवस्था का आग्रह किया।
तीन साल तक की अस्थायी छूट : योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी श्रम अधिनियमों में भी लॉकडाउन के चलते कुछ बदलाव किए हैं जो तीन साल के लिए प्रभावी रहेंगे। औद्योगिक विकास मंत्री ने विभागीय समीक्षा में 38 नियमों के तीन वर्ष तक निष्प्रभावी रहने का आश्वासन दिया। इस से व्यापारियों को राहत मिलेगी। लॉकडाउन के कारण बहुत से व्यवसाय बंद पड़े हैं। इसी कारण प्रदेश में कारखानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों, उद्योग के लिए 38 श्रम नियमों में हजार दिवस यानी तीन वर्ष तक के लिए अस्थाई छूट प्रदान की गई है। जीएसटी रिफंड से लेकर कई बड़ी छूट इसमें शामिल है। यूपीएसआईडीसी में उद्योग शुरू करने के लिए निर्धारित एक वर्ष की अवधि को बढ़ाकर एक वर्ष तीन माह करने पर विचार किया जायेगा।
सभी को वेतन : जहां पर 50 प्रतिशत श्रमिकों के साथ उद्योगों को चलाया जा रहा है, वहां सभी को वेतन देना एक महत्वपूर्ण बिन्दु है। इस पर भी निर्णय लिया जाएगा जिस से कि सभी को वेतन प्राप्त हो सके।
Leave a Reply