देश में इस समय कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 137448 है और कोरोना के अब तक 141028 मरीज ठीक हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की दर में समय के साथ लगातार इजाफा हो रहा है जो इस समय 49.21 प्रतिशत हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने गुरूवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इन दिनों भारत के कोरोना मरीजों की तुलना विश्व के अन्य देशों से की जा रही है, लेकिन इस तरह की तुलना करना बेमानी है, क्योंकि उन देशों की आबादी तथा भारत की आबादी में काफी अंतर हैं। कईं बार इस तरह की तुलना भ्रम पैदा करती है और मुख्य ध्यान इस तरह की संक्रामक बीमारी से निपटने पर हैं ना कि यह देखना कि विश्व के देशों की तुलना में हमारे यहां कितने केस हैं। अगर तुलना ही करनी है तो उसी देश से की जानी चाहिए जिसकी आबादी बराबर है क्योंकि तुलना हमेशा बराबर के आधार पर की जाती है।
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अग्रवाल ने देश में सामुदायिक संक्रमण के स्तर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि यह शब्द संशय पैदा करने वाला है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कभी इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है और भारत में भी इस समय सामुदायिक संक्रमण का स्तर नहीं देखा जा रहा है। कोरोना के कुछ मामले कुछ राज्यों के खास क्षेत्रों में अधिक देखे जा रहे हैं और उनके लिए कंटेनमेंट योजना बनाई जा रही है तथा इस योजना के पहले भी बेहतर परिणाम मिल चुके हैं। महाराष्ट्र के धारावी में कुछ दिनों पहले तक काफी मामले देखे जा रहे थे, लेकिन वहां सघन कंटेनमेंट रणनीति अपनाई गई है और पिछले पांच दिनों से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इस समय देश में आंकड़ों में उलझने के बजाय मरीजों के बेहतर इलाज को प्राथमिकता दी जानी जरूरी है और यही केन्द्र सरकार का भी लक्ष्य हैं।
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