राजधानी दिल्ली के रानी झांसी रोड पर रविवार सुबह अनाज मंडी में भीषण आग लग गई. जिसमें 43 लोगों की जान चली गई. आपको बता दें, ये भीषण आग तीन मंजिला इमारत में लगी. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. ऐसे में हम आपको दिल्ली के उन अग्निकांड के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका धुंआ आज दिल्ली वालों के जहन में है. जानें- दिल्ली के बड़े अग्निकांड के बारे में, जिनमें कई बेगुनाहों की जान गईं.
उपहार सिनेमा अग्निकांड
13 जून 1997 को साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित उपहार सिनेमा में सनी देओल, सुनील शेट्टी और अक्षय खन्ना की फिल्म “बॉर्डर” लगी थी. जिस दौरान आग लग गई थी. ये आग इतनी भीषण थी कि इसमें 59 बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इस हादसे में 100 से ज्यादा लोग झुलस गए थे. ये हादसा शाम करीब 4 बजकर 55 मिनट पर हुआ था. बता दें, सिनेमा हॉल के ग्राउंड फ्लोर से लगनी शुरू हुई थी. जब फिल्म चल रही थी उसी दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर में अचानक आग लग गई थी.
20 नवंबर 2011 को पूर्वी दिल्ली में आयोजित किन्नरों के सम्मेलन में आग लग गई थी. जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 50 लोग घायल हुए थे.
करोलबाग के होटल में लगी आग
12 फरवरी 2019 को दिल्ली के करोलबाग स्थित होटल में हुए अग्निकांड में 17 लोगों की मौत हो गई थी. दिल्ली के होटल अर्पित पैलेस आग बुझाने पहुंचे अग्निशमन अधिकारियों के अनुसार होटल में अधिकतर काम लकड़ी से हुआ था. यही कारण रहा कि आग फैलती चली गई और पूरा होटल धुएं के गुबार से भर गया था.आपको बता दें कि दिल्ली के करोलबाग में स्थित ये होटल अर्पित पैलेस करीब 25 साल पुराना था.
बवाना दिल्ली अग्निकांड
20 जनवरी 2018 को दिल्ली के बवाना इलाके में फैक्ट्री में लगी भीषण आग से 17 लोगों की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि दो प्लास्टिक फैक्ट्री और एक पटाखा फैक्ट्री इस आग की चपेट में आ गई थी. जिससे हादसे ने और गंभीर रूप धारण कर लिया था. मरने वाले लोगों में कुछ की मौत दम घुटने की वजह से भी हुई थी.
आपको बता दें, मृतकों में काफी संख्या महिलाओं की थी. आग प्लास्टिक के गोदाम से शुरू हुई थी, जो पास ही मौजूद पटाखा फैक्ट्री तक पहुंच गई थी. वहीं कई लोगों ने जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी.
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