नई दिल्ली: राजस्थान की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती परीक्षा REET 2020 की जनवरी में घोषणा होने के बाद भी ना तो अभी तक नोटिफिकेशन निकाला गया है और ना ही परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। इस भर्ती के लिए 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों को इंतजार है। रविवार को शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि रीट के आयोजन और उसके बाद कोई अड़चन न आए इसलिए नियमों में संशोधन की प्रक्रिया चल रही है। यह प्रक्रिया इसी महीने में हो जाएगी। डोटासरा का कहना है कि नवंबर तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नोडल एजेंसी को ये नियम भेज दिए जाएंगे। इसके बाद आवेदन लेने, पेपर बनाने और अन्य प्रक्रिया में लगभग तीन महीने का समय लगेगा। फरवरी में किसी भी वक्त इस भर्ती की परीक्षा करवाई जा सकती है।
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तृतीय श्रेणी शिक्षकों के 31 हजार पदों के लिए आयोजित होने वाली ‘रीट’ के लिए हाल ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 हजार पदों को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण 2020-21 के दौरान कुल 53 हजार पदों की भर्ती की घोषणा की थी। इनमें से 41 हजार पद शिक्षा विभाग के पास हैं। शिक्षा विभाग ने 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदों से संबंधित प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा था, जिसे गहलोत सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद से ही बेरोजगार लगातार रीट की विज्ञप्ति जारी होने की आस लगाए बैठे हैं।
31 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा सरकार ने उस वक्त की थी, जब राजस्थान में व्याख्याता पदों पर जनवरी में परीक्षा का आयोजन किया जा रहा था। उस वक्त हजारों अभ्यर्थी परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे, क्योंकि उनका कहना था कि उन्हें तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। वहीं कुछ अभ्यर्थी परीक्षा के लिए एलिजिबल नहीं हो रहे थे। अंतत: सरकार ने उन्हें यह कहकर मना लिया था कि अगस्त में 31 हजार पदों पर रीट और 5 हजार पदों पर व्याख्याता परीक्षा का आयोजन करवा लिया जाएगा। हालांकि उसके बाद से ही अभ्यर्थी लगातार इंतजार कर रहे हैं।
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उल्लेखनीय है कि पहले आयोजित होने वाली परीक्षा ‘आरटेट’ में सामान्य को 60% एवं अन्य को 50% अंकों पर उत्तीर्ण किया गया, जबकि सी टेट के तर्ज पर आरटेट होता है। विसंगति के चलते यह मामला मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया और निर्णय में टीएसपी क्षेत्र को छोड़कर सभी को आरटेट में 60% लाना अनिवार्य माना गया।
रीट में विसंगति
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रवक्ता उपेन यादव का कहना है कि रीट को लेकर अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि इसमें ग्रेजुएशन के अंकों का वेटेज कम किया जाए। जहां लेवल प्रथम में नियुक्ति के लिए आरटेट अथवा रीट के अंकों को आधार माना गया, वहीं द्वितीय लेवल में नियुक्ति के लिए 70% आरटेट अथवा रीट के तथा अंक 30% स्नातक का वेटेज जोड़ दिया गया। इसके साथ ही अभ्यर्थी बाहरी राज्य के विद्यार्थियों का कोटा कम करने की मांग कर रहे हैं।
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