बिना राशन कार्ड 8 करोड़ लोगों को मुफ्त में कैसे मिलेगा 5 किलो अनाज और चावल, जानें कैसे!

नई दिल्ली। इस संकट में भारत सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त अनाज देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दो महीने के लिए प्रवासी मजदूरों को फ्री अनाज दिया जाएगा। जिन मजदूरों का राशन कार्ड नहीं बना हुआ है, उन्हें भी प्रति व्यक्ति 5 किलो राशन और 1 किलो चना 2 महीने तक जरूर मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को फायदा होगा।

जिनके पास राशन कार्ड नहीं उन्हें कैसे मिलेगा मुफ्त अनाज- केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय का कहना है कि अगर किसी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उसे अपना आधार ले जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद उनको एक स्लिप मिलेगी। जिसे दिखाने पर मुफ्त में अनाज मिल जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी शुरू कर सकती है। जैसे दिल्ली सरकार चला रही है।

केंद्रीय खाद्य और आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार ने राहत पैकेज के तहत से प्रवासी मजदूरों के लिए विशेष घोषणाएं की है। जिसमें NFSA लाभार्थी के अलावा10 फीसदी वैसे प्रवासी मजदूर शामिल हैं जिनके पास NFSA राशनकार्ड नहीं है। साथ ही, राज्य के राशनकार्ड में भी उनका नाम नहीं हैं।

रामविलास पासवान ने कहा है कि इस संबंध में मैंने खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के सचिवों और FCI के CMD को निर्देश दे दिए हैं। अनाज वितरण का क्रियान्वयन, प्रवासी श्रमिकों की पहचान करना और उनके सूची का संधारण करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.लाभार्थियों की सूची बाद में 15 जुलाई तक देने का निर्देश दिया है।

ऐसे प्रवासी श्रमिकों को मई एवं जून, अगले 2 माह के लिए- प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज और प्रत्येक परिवार को 1 किलो चना मुफ्त दिया जाएगा। इसकी पूरी राशि 3500 करोड़ रुपए का खर्च केन्द्र सरकार वहन कर रही है। इसके वितरण का कार्य कल से शुरू हो जाएगा

राशन उपलब्‍ध कराने के लिए टेक्‍नोलॉजी सिस्‍टम का इस्‍तेमाल किया जाएगा. वित्‍त मंत्री ने कहा कि दूसरे राज्‍यों में रह रहे प्रवासी परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली से मिलने वाले राशन को नहीं ले पाते हैं। इसके लिए वन नेशन वन राशन कार्ड का एलान किया गया है।

3500 करोड़ रुपये होंगे खर्च- सरकार ने कहा है कि प्रवासी मजदूरों को अनाज की आपूर्ति का पूरा खर्च वह वहन करेगी। इस पर सरकार दो महीने के लिए 3500 करोड़ रुपये खर्च करेगी. राज्‍य सरकारों पर इसके कियान्‍वयन का जिम्‍मा होगा। वही प्रवासी मजदूरों की पहचान करेंगे।

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