राजस्थान में सियासी खींचतान जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल कलराज मिश्र के व्यवहार को लेकर बातचीत की। उन्होंने बताया कि उन्होंने सात दिन पहले लिखे पत्र को लेकर भी मोदी से बात की। वहीं राज्यपाल ने गहलोत सरकार से विधानसभा का सत्र बुलाने को लेकर दिए प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा है। दूसरी ओर राजस्थान उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक की याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका में बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को चुनौती दी गई थी।
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राजस्थान उच्च न्यायालय ने भाजपा विधायक की याचिका खारिज की
राजस्थान उच्च न्यायालय ने बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर दाखिल भाजपा विधायक मदन दिलावर की याचिका को खारिज कर दिया है। बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर काफी बवाल हुआ था।
गहलोत ने पीएम मोदी से की बात
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से राज्यपाल को लेकर बात की है। उन्होंने कहा, ‘मैंने कल प्रधानमंत्री के साथ बात की और उन्हें राज्यपाल के व्यवहार के बारे में बताया। मैंने उनके साथ उस पत्र के संबंध में भी बात की जो मैंने उन्हें सात दिन पहले लिखा था।’
I spoke with Prime Minister yesterday and told him about the behaviour of the Governor. I spoke with him regarding the letter I had written to him seven days back: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot (file pic) pic.twitter.com/7CWQVWRwnk
— ANI (@ANI) July 27, 2020
राज्यपाल ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा, क्या आप विश्वास मत पेश करना चाहते हैं? यह आपके प्रस्ताव में उल्लिखित नहीं है, लेकिन आप इसके बारे में मीडिया में बोल रहे हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने यह भी कहा, ‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर विधानसभा सत्र के लिए सभी विधायकों को बुलाना मुश्किल होगा। क्या आप विधानसभा सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?’
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भाजपा की याचिका में पार्टी बनना चाहती है बसपा
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी के साथ छह बसपा विधायकों के विलय के खिलाफ भाजपा की याचिका में पार्टी बनने की मांग की। इसपर राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता, आरपी सिंह से कहा है कि वे भाजपा द्वारा याचिका के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से सारी जानकारी लें और दोपहर दो बजे तक अदालत को इसके बारे में सूचित करें।
स्पीकर ने वापस ली याचिका
राजस्थान स्पीकर के वकील कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। सिब्बल ने कहा कि मसले पर सुनवाई की जरूरत नहीं है। विचार करके हम दोबारा अदालत आएंगे। इसके बाद अदालत ने उन्हें याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी है।
अनिल चौधरी को हिरासत में लिया गया
कांग्रेस देशभर में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। इसी बीच दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को कार्यकर्ताओं के साथ हिरासत में लिया गया। उन्हें प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया है। वहीं कांग्रेस सोमवार को राजस्थान में प्रदर्शन नहीं करेगी।
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राजभवन ने लौटाई फाइल
राजभवन ने विधानसभा सत्र बुलाने से संबंधित फाइलें राज्य के संसदीय कार्य विभाग को वापस कर दी है। राजभवन ने राज्य सरकार से कुछ अतिरिक्त विवरण भी मांगे हैं। विधानसभा सत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। यह जानकारी सूत्रों के द्वारा दी गई है।
संवैधानिक और कानूनी स्थिति पैदा हो गई है: सतीश पूनिया
राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बसपा द्वारा अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सदन में कांग्रेस के खिलाफ वोट करने को लेकर कहा, ‘बसपा के महासचिव एससी मिश्रा ने राज्यपाल और विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बसपा-कांग्रेस के कथित विलय को असंवैधानिक बताया है। याचिका पर सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। एक संवैधानिक और कानूनी स्थिति पैदा हो गई है। या तो उच्च न्यायालय को फैसला करना चाहिए या राज्यपाल को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।’
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