भारतीय जनता पार्टी को मध्य प्रदेश में कमलनाथ के फ्लोर टेस्ट से पहले बड़ा झटका मिला है। भाजपा के एक विधायक ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे की होड़ के बीच अब पार्टी छोड़ दी। जानकारी के मुताबिक, विधायक शरद कौल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। अब तक कुल 23 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा में मंजूर हो गए हैं। विधानसभा में बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा होना चाहिए और बीजेपी के पास अभी 106 है।
कमलनाथ सरकार का फ्लोर टेस्ट आज:
शुक्रवार शाम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का कमलनाथ सरकार सामना करेगी। वैसे तो सत्तारूढ़ कांग्रेस बहुमत साबित करने का दावा कर रही हैं, लेकिन कमलनाथ सरकार के मुख्य विपक्षी बीजेपी लगातार अल्पमत होने की बात कह रहे है और फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है। कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपने बागी विधायकों के इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए हैं। ऐसे में विधानसभा का समीकरण क्या कहता है क्या कमलनाथ सरकार अपने बचे विधायकों के जरिये बहुमत साबित कर पाएगी?
सपा, बसपा और निर्दलीय समेत कुल 7 विधायकों का समर्थन कमलनाथ सरकार मिला हुआ है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के पास सिर्फ और सिर्फ 92 विधायक हैं। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 99 विधायक हैं। विधानसभा की सूची के जरिये पता चला कि कांग्रेस को 104 विधायकों की जरूरत है, अभी भी उनके पास 5 विधायकों की कमी है।+
भाजपा के पास कितने विधायक:
वहीं भाजपा के कुल विधायक 107 हैं, हालाँकि पार्टी सिर्फ दावा कर रही है कि उनके पास 106 विधायकों मौजूद है। इन आकड़ो से भाजपा के पास कमलनाथ सरकार से ज्यादा और बहुमत के ज्यादा मत हैं।
बहुमत साबित करने के विधानसभा में मतों का आंकड़ा:
2 विधायकों के निधन के बाद राज्य विधानसभा में अभी कुल 230 सीटें बाकी हैं। जिनमें से 2 सीटें खाली हैं। ऐसे में प्रदेश की सरकार के बारे में आज कुल 228 विधायक ही फैसला कर सकते हैं। प्रजापति ने कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष एनपी स्वीकार कर लिए है। अब बची हुई कुल संख्या 206 रह गयी है। जिसमें से 104 विधायकों के मतों से बहुमत साबित हो सकता है।
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