नई दिल्ली: बिहार में विधानसभा का चुनाव के लिए पार्टियों का प्रचार अभियान अब जोर पकड़ता जा रहा है। देश के दिग्गज नेता चुनाव प्रचार अभियान में रैलियां कर रहे हैं। ऐसे में देश के इन नेताओं की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं। ख़ुफ़िया रिपोर्ट से पता चला है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली हमले की खतरनाक प्लानिंग चल रही है । इस बाबत खुफिया एजेंसियों ने स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है।
नक्सली आईईडी या बारूदी सुरंगों के जरिए हमला करने की तैयारी में
एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, नक्सली चुनाव के दौरान बड़े नेताओं को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। दावा किया गया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली आईईडी या बारूदी सुरंगों के जरिए राजनीतिक दलों के नेताओं, सुरक्षा बलों, पैरा मिलिट्री फोर्स पर हमला कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी चुनाव प्रचार के दौरान नक्सलियों की रडार पर हैं।
इन नक्सली इलाकों में नक्सल गतिविधियों पर नजर
बिहार में चुनाव प्रचार को लेकर खुफिया इनपुट से यह भी पता चलता है कि झारखंड से सटे बिहार के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियां तेज़ हो गई हैं । सुरक्षा एजेंसियों को जमुई, गया और औरंगाबाद जिलों में नक्सल गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
नक्सलीयों ने जंगली इलाकों के कई गांव में पोस्टर
गौरतलब है कि कल ही बिहार चुनाव का बहिष्कार करने के लिए प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सदस्यों ने औरंगाबाद के जंगली इलाकों के कई गांव में पोस्टर लगा दिए। नक्सलियों ने पोस्टर के जरिए लोगों से कहा है कि पुलिस का राज ध्वस्त करें। भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनानी है, तो क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार का निर्माण करें।
बता दें कि इन पोस्टर पर लिखा गया, ‘कोरोना महामारी से मुक्ति पाना है, तो क्रांतिकारी जन कमेटी जनताना सरकार बनानी है’। इसके अलावा नक्सलियों ने एनआरसी, नए कृषि बिल, नई शिक्षानीति को लेकर भी पोस्टर लगाए हैं। नक्सलियों का कहना है कि इन व्यवस्थाओं से मुक्ति चाहिए तो वोट बहिष्कार करें।
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