बिहार चुनाव के लिए भाजपा का संकल्प पत्र जारी हो चुका है। इसमें हर बिहारी को मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा किया गया है। निर्मला सीतारमण ने संकल्प पत्र जारी करते हुए कहा कि अगर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा तो बिहारियों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। इस चुनावी वादे से राजनीतिक उबाल आ चुका है। आईए समझने की कोशिश करते हैं कि वैक्सीन को चुनावी मुद्दा बनाना क्यों नैतिक कदम नहीं है।
वैक्सीन का वादा चुनावी मुद्दा नहीं हो सकता
कोरोना वैक्सीन का इंतज़ार हर भारतीय को है। पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। यह भारत सरकार का कर्तव्य है कि जैसे ही वैक्सीन का ट्रायल सफल हो वह पूरे देश में बिना भेदभाव के वैक्सीन उपलब्ध करवाए। केवल चुनावी फायदे के लिए वैक्सीन बिहारियों को मुफ्त में वैक्सीन देने का वादा कर सरकार ने लकीर खींचने की कोशिश की है। भारत सरकार पूरे देश की है वह इस तरह किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं कर सकती।
बिहार को मुफ्त वैक्सीन तो क्या बाकि लोगों को चुकाने होंगे पैसे?
चुनावी घोषणापत्र में वैक्सीन का वादा पहले नंबर पर किया गया है। और कहा गया कि बिहार को वैक्सीन आते ही मुफ्त में वैक्सीन दिया जाएगा। तो यहां जो सवाल खड़ा होता है वह यह है कि क्या बाकि राज्यों को इसके लिए पैसे चुकाने होंगे? और अगर मान लीजिए भाजपा चुनाव हार जाती है तो क्या भारत सरकार बिहारियों को वैक्सीन नहीं देगी।
वैक्सीन का वादा क्यों है भारत को तोड़ने की कोशिश?
प्रधानमंत्री मोदी ने हाली ही में राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि भारत सरकार सभी तक वैक्सीन जल्द से जल्द पहुंचाने की प्रक्रिया के काम कर रही है। आप सभी जानते हैं देश में मेडिकल इमरजेंसी लगी हुई है। हर व्यक्ति कोरोना महामारी से परेशान है। लोगों के काम धंधे चौपट हो चुके हैं। लोग डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। कई लोग अपने परिजनों को महामारी में खो चके हैं। उन सभी को वैक्सीन का इंतज़ार है लेकिन भारत सरकार बिहार का चुनाव जीतने के लिए वैक्सीन तक बेचने से नहीं चूक रही है। वैक्सीन हर व्यक्ति तक पहुंचाना भारत सरकार का दायित्व और ज़िम्मेदारी है। चुनाव के लिए किसी राज्य को प्राथमिकता देना भारत सरकार की विभाजनकारी नीयत को दर्शाता है। यह आपको एहसास करवाता है कि क्योंकि आप बिहार से नहीं हैं तो आपको शायद वैक्सीन के पैसे चुकाने पड़ें।
वैक्सीन जो अभी तक आई नहीं उसका वादा कैसे किया जा सकता है?
कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल अभी तक सफल नहीं हुआ है। वैक्सीन के सफल होने पर भी अभी संशय के बादल मंडरा रहे हैं। कई बार विभिन्न वैक्सीनों के ट्रायल बीच में बंद भी किये जा चुके हैं। अभी वैक्सीन कब आएगी इसको लेकर सरकार के पास भी कोई पुख्ता जवाब नहीं है। तो ऐसे में वैक्सीन को चुनावी वादा बनाकर सरकार ने जनता के साथ मज़ाक किया है।
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