भारतीय संसद में बुधवार का दिन खास रहा। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन को पेश किया था और इसे राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है और इसे मंजूरी मिलते ही भाजपा फूले नहीं समा रही है। ये एक ऐतिहासिक फैसला है और इस से विपक्ष काफी परेशान है क्योकिं विपक्ष से इसे हमेशा से ही विरोध मिल रहा है।
देश का एक बड़ा हिस्सा भी मोदी-शाह के इस फैसले की तारीफ कर रहा है। इस बिल का उद्देश्य कई अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताडना के कारण भारत आए हिन्दू,जैन, पारसी, सिख, बौद्ध और ईसाई समुदायों भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
लेकिन सूत्रों के अनुसार इस एक बिल से बीजेपी कई तरह के निशाने साध रही है। आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि आखिर कैसे मोदी सरकार ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं।
ऐसा करके मोदी सरकार ने अपना फायदा देखा है और 50 लाख से ज्यादा का वोट बैंक बढ़ा लिया। दरअसल एक आंकड़े के मुताबिक करीब 1 लाख गैर मुस्लिम शरणार्थी भारत की नागरिकता की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसका सीधा फायदा मोदी सरकार को मिलेगा और उनका वोट बैंक बढ़ जाएगा। इस बिल को पहले लोकसभा में पास किया गया और बुधवार की रात राज्यसभा में मंजूरी मिली। इसके बाद से ही कांग्रेस और अन्य विपक्ष पार्टियां इसका विरोध कर रही थी।
नागरिकता संशोधन बिल के बहाने ममता बनर्जी ने बीजेपी पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दीघा में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नागरिकता संशोधन बिल के बहाने बीजेपी जमकर हमला किया. उन्होंने कैब का नाम लिए बिना कहा कि पश्चिम बंगाल में हम जाति, पंथ या धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हम लोगों में कभी फूट डालो, राज करो की नीति नहीं अपनाएंगे. देश इस समय आर्थिक संकट से गुजर रहा है और इससे निपटने की सख्त जरूरत है.
दीघा में उद्योगपतियों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे समय पर जब देश भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है, पश्चिम बंगाल एकमात्र उम्मीद की किरण है. बता दें कि संसद से नागरिकता संशोधन बिल के पारित होने के बीच ममता बनर्जी का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
ममता ने कहा कि हम हम लोगों के साथ भेदभाव नहीं करेंगे और हम कभी फूट डालो, राज करो की नीति नहीं अपनाएंगे. बंगाल हमेशा से ही बहुसांस्कृतिक रहा है और ऐसे ही हमेशा रहेगा. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में उद्योगपति निवेश करें जहां कोई ‘तनाव’ नहीं है.
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था. उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी और कैब दोनों लागू नहीं किए जाएंगे. ब्रायन ने कहा कि सीएम ममता पहले ही यह बात कह चुकी हैं. केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार बड़े-बड़े वादे तो करती है लेकिन अपने सभी वादों को पूरा करने में विफल रहती है.
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