तमिलनाडु में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय निकाय के चुनावों में जीत हासिल की है. इससे पहले कभी भी भाजपा को राज्य में स्थानीय निकायों में खाता नहीं खुला था. वहीं, कांग्रेस के समर्थन वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम को बड़ा झटका लगता दिख रहा है…
लोकसभा चुनाव में द्रविड़ मुनेत्र कषगम व कांग्रेस गठबंधन ने एआईएडीएमके व भाजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी थी। लेकिन, साल बदला और राज्य का राजनीतिक समीकरण बदलता दिख रहा है। दो चरणों में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में पहली बार राज्य में भारतीय जनता पार्टी का खाता खुला है। वहीं, एआईएडीएमके भी राज्य में बेहतर प्रदर्शन करती दिख रही है। करीब 50 फीसदी वोट शेयर पार्टी के खाते में आते दिख रहे हैं। राज्य में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह एआईएडीएमके के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। एआईएडीएमके व डीएमके के बीच कड़ी टक्कर हो रही है।
स्थानीय निकाय चुनाव के परिणाम गुरुवार से आ रहे हैं। इसमें भाजपा के समर्थन वाली एआईएडीएमके का प्रदर्शन बेहतर होता दिख रहा है। डीएमके को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध भारी पड़ता दिख रहा है। राज्य में हुए चुनाव के दौरान डीएमके पर अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण का आरोप लगा था। ऐसे में स्थानीय मुद्दे गौण पड़ते दिख रहे हैं। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री ई पलनीसामी व डिप्टी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम की जोड़ी बिना पूर्व सीएम जयललिता के भी बेहतर प्रदर्शन करती दिख रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी का साथ एआईएडीएमके लिए काफी शानदार रहा है।
अब तक आए जिला परिषद अध्यक्ष पद के 515 में से 293 सीटों के परिणाम में से एआईएडीएमके के पक्ष में 111 और डीएमके के पक्ष में 144 सीटें जाती दिख रही हैं। भारतीय जनता पार्टी को भी पांच सीटों पर जीत मिली है। वहीं, 5090 वार्ड सदस्य पदों में से 4113 पदों के परिणाम सामने आए हैं। इसमें 1402 सीटों पर एआईएडीएमके और 1743 सीटों पर डीएमके जीती है। 56 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है। कांग्रेस को तीन जिला परिषद सीट और 93 वार्ड सदस्य पदों पर सफलता मिली है। तमिलनाडु के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले हैं और यह डीएमके के नेता स्टालिन के लिए बड़ा झटका है।
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