भाजपा की करारी हार: औरंगाबाद नगर निगम उप महापौर पद पर शिवसेना का कब्जा, जानिए

औरंगाबाद: महाराष्ट्र में औरंगाबाद नगर निगम के उप महापौर पद के लिए हुए चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार राजेन्द्र जांजल ने मंगलवार को जीत हासिल की। इस चुनाव की जरूरत भाजपा के विजय औताड़े के इस्तीफे के बाद पड़ी थी, जिन्होंने उद्धव ठाकरे नीत सरकार द्वारा औरंगाबाद के लिए जलापूर्ति योजना को रोकने के बाद उप महापौर के पद से इस्तीफा दे दिया दिया था। इस योजना को पूर्व मुख्यमंत्री ने शुरू किया था। नगर निगम के कुल 115 पार्षदों में से 100 पार्षद मतदान के लिए मौजूद रहे। इस दौरान जांजल को 51 वोट मिले।

भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार गोकुलसिंह मल्के को 34 वोट जबकि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के उम्मीदवार जफर खान को 13 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार अफसर खान ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया था। उन्होंने यह कहते हुए अपना इस्तीफा पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट को सौंप दिया कि उपमहापौर का पद कांग्रेस को दिया जाना था, लेकिन पार्टी ऐसा करने में नाकाम रही।

औरंगाबाद उप-महापौर पद के चुनाव में शिवसेना के राजेंद्र जंजाल जीते, एमआईएम नगरसेवकों ने भी दिया समर्थन

राज्य में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनने के बाद स्थानीय चुनावों में भी यही फार्मूला अपनाया जा रहा है. इसी के तहत् औरंगाबाद मनपा में उप-महापौर के चुनाव में भारी उलटफेर देखने को मिला. चुनाव में शिवसेना के राजेंद्र जंजाल इस पद पर निर्वाचित हुए, जबकि भाजपा के उम्मीदवार हार गये. पिछले 27 साल से आमने-सामने रहने वाली शिवसेना व काँग्रेस-एनसीपी इस बार एक साथ थीं.

राज्य में महाविकास आघाड़ी बनने के बाद भाजपा के उप-महापौर विजय औताड़े ने इस्तीफा दिया था. औरंगाबाद मनपा चुनाव सिर्फ 4 महीने में होने हैं और इसके बावजूद फिर से उप-महापौर पद के लिए चुनाव कराना पड़ा. उम्मीद के अनुसार कांग्रेस-एनसीपी ने शिवसेना के राजेंद्र जंजाल के समर्थन दिया. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि एमआईएम के 2 नगरसेवकों ने भी जंजाल को समर्थन दिया. इस समर्थन के बल पर जंजाल ने भाजपा समर्थित गोकुल मलके को 34 वोटों से हरा दिया. जंजाल को 51 वोट मिले. एमआईएम ने जफर बिल्डर को उम्मीदवारी दी थी, लेकिन उन्हें अपनी ही पार्टी के कुछ नगरसेवकों के वोट नहीं मिले. वे सिर्फ 13 वोटों पर सिमटकर रह गये. इस बात पर पार्टी नेता वारिस पठान भी नाराज हो गये तथा प्रदेशाध्यक्ष इम्तियाज जलील ने पार्टी का आदेश न मानने वाले नगरसेवकों को निलंबित कर दिया.

बता दें कि औरंगाबाद में शिवसेना द्वारा एमआईएम व इम्तियाज जलील की आलोचना की जाती है और ऐसे में मजलिस के नगरसेवकों द्वारा शिवसेना उम्मीदवार का समर्थन करना जलील के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है.

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*