महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के परिणाम आए काफी दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक सरकार नहीं बन पाई है। वहीं वर्षों से राज्य पर राज कर रही भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच आई खटास के कारण दोनों की सरकार बनना मुश्किल होते जा रहा है। शिवसेना अभी भी अपने 50-50 वाले फॉर्मूले पर अड़ी हुई है, वहीं भाजपा, शिवसेना की सारी शर्तों को नकार रही है, लेकिन अब शायद दोनों पार्टियों के बीच सब कुछ ठीक होने वाला है। भाजपा ने अपनी सहयोगी पार्टी को मनाने के लिए एक नया प्लान तैयार किया है।
महाराष्ट्र में ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ी शिवसेना को साधने के लिए भाजपा कोशिशों में जुट गई है। पहले से ही बीजेपी ने शिवसेना को उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया था, लेकिन अब इसके साथ कई और चिजे देकर भाजपा, शिवसेना को अपने साथ करना चाहती है। माना जा रहा है कि दोनों दलों के ताजा बयानों से बढ़ी तल्खी के चलते सरकार के गठन में देरी हो सकती है।
50-50 नहीं भाजपा देगी 40 से 45 प्रतिशत भागीदारी
कहा जा रहा है कि भाजपा ने शिवसेना के 50-50 के फार्मूले के दावे को खारिज कर दिया, लेकिन नए प्लान के अनुसार बीजेपी, शिवसेना को 40 से 45 प्रतिशत भागीदारी देने पर विचार कर रही है। वहीं शिवसेना लगातार भाजपा पर दबाब बनाए हुए और शुरुआत में संयम बरतने के बाद अब भाजपा भी खुलकर मैदान में आ गई है। अब शिवसेना के पास दो ही विकल्प हैं। या तो वह भाजपा के साथ सरकार बनाए या फिर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर नया विकल्प खड़ा करे। यदि शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी तो वह भाजपा से वर्षों कि मित्रता तोड़ देगी, जिसके कारण उसे बड़ा नुकसान भी हो सकता है। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54, जबकि कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। बहुमत का आंकड़ा किसी भी पार्टी को नहीं मिला है, जिसके कारण महाराष्ट्र के राजनीतिक रण में अभी तक बवाल हो रहा है।
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