- कांग्रेस ने लगाया विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप
- गुरुग्राम के एक होटल से छुड़ाए गए 6 कांग्रेसी विधायक
क्या मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप हो गया? ये सवाल इस वजह से क्योंकि देर रात गुरुग्राम में जबरदस्त सियासी ड्रामा चला. ऐसी खबर आई कि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायकों को एक होटल में जबरन रोक कर रखा गया है.
इनमें से एक बीएसपी विधायक राम बाई भी थीं, जिन्हें कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह अपने साथ गुरुग्राम के उस होटल से निकाल कर ले गए. इस दौरान सादे कपड़ों में हरियाणा पुलिस के अधिकारी से हाथा-पाई की नौबत भी आ गई. इस पूरे मामले पर बीजेपी के नेता खामोश हैं.
बीजेपी की साजिश नाकाम
#WATCH Haryana: Madhya Pradesh Ministers&Congress leaders Jitu Patwari&Jaivardhan Singh leave from ITC Resort in Gurugram’s Manesar,taking suspended BSP MLA Ramabai with them.8 MLAs from MP are reportedly being held against their will by BJP at the hotel,Ramabai being one of them pic.twitter.com/VUivVHsaA4
— ANI (@ANI) March 3, 2020
वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने विधायकों को पाला बदलने के लिए 5-10 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है. इसके कुछ ही देर बाद दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि 6 विधायकों को कांग्रेस ने होटल से निकाल लिया है. बीएसपी विधायक राम बाई को पूरे परिवार सहित पहले ही छुड़ा लिया गया था. सरकार बचाने की मुहिम में शामिल कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री और दिग्विजय सिंह के बेटे ने जयवर्धन सिंह ने कहा कि बीजेपी की साजिश नाकाम हो गई है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मध्य प्रदेश के 10 विधायक गुड़गांव से सटे मानेसर के आईटीसी होटल में ठहरे हुए थे. कांग्रेस का दावा है कि बीजेपी धनबल और गुमराह करके लाई थी, ताकि कमलनाथ सरकार अस्थिर हो सके, लेकिन बाद में मध्य प्रदेश सरकार के दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह वहां पहुंचे और छह विधायकों को वापस ले आए. कांग्रेस का दावा है कि इस पूरे खेल में शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के तमाम दूसरे नेता शामिल है. अब दिग्विजय सिंह का दावा है कि बाकी 4 विधायको से भी कांग्रेस संपर्क में है और जल्द ही उनकी वापसी कराई जाएगी.
5-5-5 करोड़ का ऑफर
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘परसो ही मैंने कहा था कि ये लोग 5 करोड़ पहले, 5 करोड़ राज्यसभा चुनाव के दौरान, बाकि सरकार गिराने पर 5 करोड़ देने का वादा किया था. इसका हमारे पास प्रूफ है. विधायकों को धोखा दे के लाया गया था. हमारे दो मंत्री जयवर्धन सिंह और जीतू पटवारी के साथ वहां बीजेपी के लोगो ने गुंडागर्दी की. पैसे का प्रबंध नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक कर रहे थे. सबको लेकर बैंगलोर जाने की तैयारी थी. बिसाहूलाल सिंह जी और रामबाई तो हमसे संपर्क में ही थे.’
बीजेपी के पास हैं ये चार विधायक
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘बीजेपी के पास बेहिसाब पैसा है. शिवराज सिंह दिल्ली में हैं और इन विधायकों के साथ उनकी मीटिंग होनी थी. हमारे आने से पहले वो भाग गए. अभी कांग्रेस के तीन और एक निर्दलीय विधायक रह गए है. उनसे भी हमारी कोशिश है कि वापस आ जाएंगे. इसमें रघुराज कंसाना, हरदीप सिंह, बिसाहूलाल सिंह और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शामिल हैं. ये दावा कर रहे थे कि 10-15 विधायक उनके पास है पर ऐसा नहीं है. सब वापस आ गए. उनके पास 4 रह गए है.’
क्या है विधानसभा का समीकरण
मध्य प्रदेश विधानसभा की स्थिति पर गौर करें तो कुल 230 विधायकों की विधानसभा में से इस वक्त 228 विधायक हैं. दो सीट विधायकों की मौत के चलते खाली हैं. कांग्रेस के इस वक्त 114 विधायक हैं. बीजेपी के 107, दो विधायक बीएसपी के हैं, समाजवादी पार्टी का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. फिलहाल जादुई आंकड़ा 115 का है, जबकि कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. फिलहाल कमलनाथ सरकार सुरक्षित है. गुरुग्राम आधी रात को कांग्रेस ने अपनी सक्रियता से तमाम विधायकों को होटल से निकाल कर संकट को टाल दिया है.
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