मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार से असंतुष्ट विधायकों में से 6 वापस भोपाल लौट आए हैं जबकि 4 अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। उधर, कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश सरकार पूरी तरह सुरक्षित है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार रात तक सब कुछ योजनानुसार चल रहा था लेकिन एक विधायक के गनमैन की गलती की वजह से बीजेपी का ‘ऑपरेशन लोटस’ फेल हो गया।
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दिल्ली रवाना होते समय गनमैन ने की थी फोन कॉल
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, इस विधायक के गनमैन ने दिल्ली रवाना होते समय एक फोन किया था और इसी फोन से दिल्ली में विधायकों के इकट्ठा होने की खबर लीक हो गई। इस वजह से कांग्रेस को वक्त मिल गया और समय रहते मंत्री जीतू पटवारी व जयवर्धन सिंह दिल्ली पहुंच गए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में मंगलवार को एमपी सरकार से जुड़े 12 विधायकों को आना पहुंचना था जिनमें से 10 पहुंच गए।
राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिराने का था प्लान!
इन विधायकों की मुलाकात बुधवार को बीजेपी के बड़े नेताओं से होनी थी। इस पूरे सियासी ड्रामे के पीछे कहा गया कि अगर 10 विधायक सत्ता से बाहर हो जाते हैं तो प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से पहले ही सरकार गिर जाएगी। यह भी बताया गया कि दिल्ली में दो जगह और बेंगलुरु में एक जगह इन विधायकों को रुकना था। कर्नाटक में सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को मध्य प्रदेश के विधायकों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था।
6 विधायक लौटे, 4 लापता
छह विधायक जो वापस लौट आए उनमें समाजवादी पार्टी के राजेश शुक्ला (बब्लू), बीएसपी के संजीव सिंह कुशवाह, कांग्रेस के ऐंदल सिंह कंसाना, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव और बीएसपी से निष्काषित रामबाई शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार विधायक कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही है। बुधवार को दिग्विजय ने कहा था कि बीजेपी ने इन चारों विधायकों को जबरन गुड़गांव से बेंगलुरु शिफ्ट किया है।
दिग्विजय ने किया था सनसनीखेज दावा
बता दें कि दिग्विजय ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर आरोप लगाया कि बीजेपी नेता भूपेंद्र सिंह विधायक रामबाई (बीएसपी से निलंबित) को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से लेकर दिल्ली पहुंचे थे। इसके बाद शाम को बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे तो हलचल और तेज हो गई। नरोत्तम यहां पहले से ही मौजूद थे। विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में ठहराया गया था। इसकी खबर मिलते ही मंत्री पटवारी और जयवर्धन दिल्ली पहुंचे। दिग्विजय भी रात को होटल गए लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला। कमलनाथ भी देर रात कर दिल्ली में मौजूद विधायकों से संपर्क साधते रहे।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को जारी किया विप
इससे पहले मध्य प्रदेश में विधायकों के टूटने के डर से कांग्रेस ने अपने 114 विधायकों को विप जारी किया था। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने कहा था, ‘हम अपने विधायकों को एक विप जारी करने जा रहे हैं यदि हमारे किसी भी विधायक ने इसका उल्लंघन किया तो उसकी सदस्यता एक घंटे में समाप्त कर दी जाएगी।’
सिंधिया और दिग्विजय को राज्यसभा भेज सकती है कांग्रेस
उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि लोकसभा चुनावों में भोपाल सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह एक दफा फिर से राज्यसभा में जाना चाहेंगे।
वहीं कांग्रेस, पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा चुनाव में मध्यप्रदेश से चुनाव मैदान में उतार सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह भोपाल से तो सिंधिया, गुना लोकसभा सीट से चुनाव हार गए थे। मध्यप्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। तीन सीटों से वर्तमान में दिग्विजय सिंह (कांग्रेस), सत्यनारायण जटिया और प्रभात झा (दोनों बीजेपी) राज्यसभा सांसद है।
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