इटावा जिले के लवेदी में भतीजी की विदाई के समय एक महिला की सैैफई मेें इलाज के दौरान सेप्टिक से मौत हो गई। शादी में खलल न पड़े, इस खातिर पति अपनी पत्नी के शव को पूरी रात गांव के बाहर रखे रहा। थाना क्षेत्र के पहाड़पुरा गांव निवासी राजू की पत्नी सीमादेवी 15 जून को घर में बर्तन धोते वक्त जख्मी हो गई थी। गिलास से उसके हाथ की उंगली कट गई थी। उसने ज्यादा गौर नहीं किया तो वह पक गया। चोट के आसपास नीले रंग की परत दिखने लगी।
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पति राजू उसे लखना के एक प्राइवेट डाक्टर के पास ले गया। इंजेक्शन लगाकर डाक्टर ने उसे सैफई ले जाने की सलाह दी। सैफई पीजीआई में दिखाने पर डाक्टर ने सेप्टिक हो जाने की बात कही। दवाई दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
19 जून को सीमादेवी की हालत ज्यादा खराब हो गई। इसी दिन राजे के बड़े भाई की बेटी की बरात आई हुई थी। शाम को सीमादेवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। राजू ने अपने बड़े भाई को फोन से इसकी सूचना दी और शादी रस्में जल्दी से पूरी करने को कहा।
इसके बाद वह अपनी पत्नी के शव को ट्रैक्टर में रखकर गांव ले आया। रात भर गांव से एक किमी पहले शव को रखे रहा। शनिवार सुबह जब भतीजी की विदा हो गई, तब वह शव लेकर गांव पहुंचा। घर में कोहराम मच गया। मृतका सीमा के दो बेटे व एक बेटी है। जो अभी छोटे हैं।
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