ताजनगरी में देह व्यापार का बड़ा रैकेट चलाने वाली 15 हजार की इनामी सरगना रोशनी और उसके साथी राहुल मिश्रा को थाना ताजगंज पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जेल भेजा गया है। सरगना के खिलाफ फरवरी में विदेशी कॉल गर्ल रैकेट के मामले में देह व्यापार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से वह फरार चल रही थी। राहुल मिश्रा होटल संचालक है। उसके होटल में देह व्यापार पकड़ा गया था। उस पर भी 15 हजार का इनाम था।
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इसी साल तीन फरवरी को एसपी सिटी बोत्रे रोहन प्रमोद के नेतृत्व में फतेहाबाद मार्ग स्थित होटल ताज हेवन में छापा मारा था। होटल से उज्बेकिस्तान की पांच युवतियां पकड़ी गई थीं। इनमें से तीन युवती उज्बेकिस्तान की रहने वाली थीं। एक दलाल भी पकड़ा गया था। युवतियों को देह व्यापार के लिए लाया गया था। सभी के खिलाफ देह व्यापार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज हुआ था। दलाल बाग मुजफ्फर खां निवासी राहुल कुशवाहा था।
पुलिस के छापे के दौरान सरगना चकमा देकर भाग गई थी। पुलिस ने उस पर और होटल संचालक राहुल मिश्रा पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सरगना इस समय ताजगंज की मारुति सिटी कालोनी में रह रही थी। वहीं उसका साथी राहुल मिश्रा भी था।
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राहुल मिश्रा बाह के अशोक नगर का निवासी है। इस समय वो ताजगंज की कृष्णापुरी कालोनी में रह रहा है। बुधवार को दोनों को आई-20 कार में सवा सौ फुटा रोड, ताजगंज से गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पांच मोबाइल, सात हजार रुपये सहित अन्य सामान मिले हैं।
राहुल के तीन होटल, तीनों में देह व्यापार
राहुल के फतेहाबाद मार्ग पर ताज हेवन, प्रशांत पैलेस और रीगल इन होटल हैं। वो किराये पर होटल लेकर चलाता है। इनमें देह व्यापार के लिए आने वाली युवतियों को रोकता था।
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गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि सरगना मूलरूप से इंदौर की रहने वाली है। शादी केबाद आगरा आ गई थी। पति को तलाक लेकर अलग हो गई। उस पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा।
15 साल से चला रही रैकेट, मुंबई तक फैला है नेटवर्क
देह व्यापार की सरगना वर्ष 2005 में इस धंधे से जुड़े लोगों के संपर्क में आ गई। धीरे-धीरे उसने अपने संपर्क कई बड़े लोगों से बना लिए। दिल्ली से लेकर मुंबई और गोवा तक के एजेंट उसके संपर्क में आ गए। उसके संपर्क में कई युवतियां भी थीं।
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पुलिस को देती है पैसा, बनाई थी सीडी
सरगना रोशनी पांच साल पहले भी गिरफ्तार की गई थी। तब यह बात सामने आई थी कि वो पुलिस को पैसा देती है। तीन अफसरों से भी उसका नाम जुड़ा। उसने सारी बातें रिकार्ड कराकर एक सीडी बना ली थी। तत्कालीन डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद उन अफसरों का तबादला हो गया जो आरोप के घेरे में आए। सरगना को जेल भेज दिया गया। इससे मामला दब गया। वह पांच साल पहले सिकंदरा में रहती थी। इसकेबाद मथुरा चली गई थी। आशु अपहरण कांड में उसका नाम आया था। जेल भी गई थी।
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