चेन्नई: चुनाव आयोग के एक ‘उड़न दस्ते’ ने मंगलवार को चेन्नई की एक बुक शॉप पर छापा मारा और राफेल मामले पर लिखी गई एक किताब की कॉपियां जब्त कर लीं. यह छापेमारी किताब के लॉन्च होने से देर पहले ही की गई. अधिकारियों ने बताया कि ‘Rafale: The Scam That Shook the Nation’ शीर्षक वाली किताब 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव के बीच चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इंजीनियर एस विजयन द्वारा लिखी गई इस किताब की करीब 150 प्रतियां बुक शॉप और पब्लिशिंग हाउस भारती पुथकाल्यम से चुनाव आयोग के अधिकारी जब्त कर ले गए थे. यह प्रकाशन हाउस सीपीएम से जुड़ा हुआ है. एक सामान्य पेपर पर जिस पर कोई आधिकारिक मुहर नहीं है में प्रकाशक को निर्देश दिए गए हैं कि वह किताब की लॉन्चिंग रद्द कर दें.
सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने के बाद तमिलनाडु के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा, ‘किताब जब्त करने से संबंधित न तो चुनाव आयोग ने न ही सीईओ ऑफिस ने किसी तरह के निर्देश दिए थे. मैंने चेन्नई के जिला चुनाव अधिकारी को इस मामले में देखने और जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है.’ वहां से जब्त की गई किताबों को बाद में लौटा दिया गया और इसके बाद शाम में किताब की लॉन्चिंग की गई.
प्रकाशकों ने दावा किया है कि उन्होंने किताब की लॉन्चिंग के लिए जिस जगह की अपील की थी, उसे देने से मना कर दिया गया. इसलिए उन्होंने मंगलवार को शॉप पर ही किताब लॉन्च करने का ऐलान किया.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने लड़ाकू विमान राफेल की खरीद मामले में हुई कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर लिखित एक किताब के विमोचन को रोकने के लिये चुनाव आयोग की कथित कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा है कि सरकार राफेल मामले पर बात करने से भी डरती है. येचुरी ने मंगलवार को राफेल पर प्रकाशित पुस्तक के चेन्नई में होने वाले विमोचन कार्यक्रम पर चुनाव आयोग द्वारा कथित तौर पर रोक लगाने की कार्रवाई का हवाला देते हुये कहा कि इससे साफ है कि राफेल पर बात करने से भी कौन डरता है.
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है कि राफेल घोटाला और इस पर आधारित किसी पुस्तक से कौन डरा हुआ है.’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे भ्रष्ट सरकार है, जिसका शीर्ष नेतृत्व अपने करीबी लोगों को मदद पहुंचाने के लिये राफेल घोटाले में शामिल है.
इस बीच चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने राफेल पर पुस्तक के विमोचन समारोह पर रोक लगाने के बारे में तमिलनाडु के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) की तरफ से जारी स्पष्टीकरण के आधार पर खंडन किया. लवासा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘किताबें जब्त करने के बारे में न तो चुनाव आयोग ने और ना ही सीईओ कार्यालय की ओर से कोई निर्देश दिया गया.” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने चेन्नई के जिला निर्वाचन अधिकारी को इस मामले की जांच कर इसकी तत्काल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
Leave a Reply