सार
लकड़ी बीनते वक्त पांव फिसलने से धौली गंगा में बह गई थी मां
मां को बचाने गंगा में कूदी, 20 मिनट तक लहरों से संघर्ष कर बचाया
एक बेटी ने गंगा में बह रही अपनी मां को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। मां को नदी से बाहर निकालने के लिए उसने करीब 20 मिनट तक संघर्ष किया और आखिर मां को गंगा से बाहर निकालकर ही दम लिया।
घटना रविवार की है। नेपाली मूल की रामकली देवी और उसकी 16 वर्षीय बेटी किरण तपोवन में धौली गंगा के किनारे लकड़ी बीनने गई थीं। इसी दौरान रामकली का पांव फिसलने से वह नदी में जा गिरीं। मां को गिरते देखा तो किरण ने भी जान की परवाह किए बगैर गंगा में छलांग लगा दी।
प्रत्यक्षदर्शी ओम प्रकाश डोभाल ने बताया कि किरण भी नदी में बहते-बहते बची, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। वह करीब 20 मिनट संघर्ष करने के बाद अपनी मां को पकड़कर नदी किनारे लाने में कामयाब रही।
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और चोटिल रामकली को 108 सेवा वाहन से सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) जोशीमठ पहुंचाया। हर कोई किरण के साहस की प्रशंसा कर रहा था।
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