ऐसे कार्य करने से व्यक्ति होता है अमंगल, नवग्रह देते हैं अशुभ फल, जानिए

यूनिक समय, मथुरा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में नवग्रहों का बहुत महत्व होता है। नवग्रह के प्रभाव के कारण ही व्यक्ति जीवन में उन्नति, प्रगति और अद्योगति को प्राप्त होता है। व्यक्ति को जीवन पर्यन्त यह कोशिश करनी चाहिए कि नवग्रह उसके अनुकूल रहें। और आपके जीवन में ग्रहों की दशा और महादशा आपको प्रगति के पथ की ओर ले जाए। क्योंकि अगर नवग्रह ही आपके अनुकूल नहीं होंगे तो आपका जीवन मृत समान होता है। क्योंकि जब जीवन में परिवर्तन, ही नहीं होगा तो व्यक्ति का जीवन व्यर्थ है। तो आइए आप भी जानें कि जीवन में ऐसे कौन से कार्य हैं जिनको करने से ग्रह बुरा प्रभाव दिखाने लगते हैं।

जुठे हाथ सिर पर लगाने से सूर्य खराब
जीवन में कभी भी भूल से भी अपने या किसी भी व्यक्ति के सिर पर जुठे हाथ से स्पर्श ना करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सूर्य की दशा और महादशा भी विपरित प्रभाव देने लग जाती है। और व्यक्ति को कष्टों का सामना करना पड़ता है।

पानी व्यर्थ फैलाने से चंद्र खराब
शास्त्रों के अनुसार जल ही जीवन है। कभी भी पानी का दुरूपयोग ना करें। और आवश्यकता से अधिक पानी ना फैलाएं। ऐसा करने से चंद्र ग्रह आपके जीवन में अशुभता फैलाने लगता है।

क्रोध करने से मंगल खराब
हमेशा क्रोध के अतिरेक से बचना चाहिए। क्रोध करने से कभी किसी व्यक्ति का मंगल नही होता है। क्रोध हमेशा अमंगल ही लाता है। इसलिए जीवन में कभी भी क्रोध ना करें।

झूठ बोलने से बुध खराब
झूठ पाप रूप वृक्ष की जड़ के समान होता है। और व्यक्ति के द्वारा झूठ बोलने पर उसका बुध ग्रह उसके जीवन में अशुभता फैलाने लगता है। और ऐसे व्यक्ति के जीवन से शुभता समाप्त हो जाती है।

बड़ों का सम्मान न करने से गुरु खराब

व्यक्ति को जीवन में हमेशा अपने बड़ों और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। जो व्यक्ति अपने घर-परिवार में बड़ों का सम्मान नहीं करते हैं उनका गुरू ग्रह उनके जीवन में अशुभ फल देने लग जाता है। और गुरू के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।

पत्नी या स्त्री का सम्मान न करने से शुक्र खराब
व्यक्ति को जीवन में सदैव स्त्रियों और विशेषकर अपनी पत्नी के सम्मान और उसकी रक्षा करनी चाहिए। नारियों का सम्मान ना करने वाले व्यक्ति से शुक्र ग्रह रूष्ट हो जाता है और उसे अशुभ फल प्रदान करने लगाता है।

आलस्य करने से शनि खराब
आलस्य व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु होता है। आलसी व्यक्ति के सारे काम अपने आप ही बिगड़ जाते हैं। और ऐसे व्यक्तियों पर कभी भी शनिदेव मेहरबान नहीं होते है। ऐसे व्यक्ति हमेशा ही शनि की कुदृष्टि के शिकार बनते रहते हैं।

चुगली करने से राहु खराब
निन्दा और चुगलखोरी व्यक्ति का सबसे बड़ा अवगुण होता है। ऐसे व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह अपना अशुभ प्रभाव देने लग जाते हैं। ऐसा व्यक्ति कभी भी सम्मान नहीं पाता है।

किसी भिखारी या भिक्षु का मजाक उड़ाने से केतु खराब होता है
कभी किसी दूसरे व्यक्ति, भिखारी या भिक्षु, साधु-संयासी का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति के जीवन में केतु ग्रह का कुप्रभाव पड़ने लग जाता है। और ऐसा व्यक्ति जीवन में दुख भोगता है। शास्त्रों में बताया गया है कि व्यक्ति के द्वारा अपनी आदत बदलने से सारे ग्रह गोचर प्रसन्न रहते हैं। इसलिए व्यक्ति को वहीं कार्य करना चाहिए जिससे सबका मंगल हो।

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