मथुरा। गिरिराज परिक्रमा संरक्षण संस्थान द्वारा दाखिल याचिका पर एनजीटी पर सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी न्यायालय में मौजूद रहे, एनजीटी के न्यायाधीश रघुवेंद्र सिंह राठौर व सत्यवान सिंह गर्ब्याल की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि न्यायालय के आदेशों के इतने वर्षों के बीत जाने के बाद भी अभी तक गोवर्धन के
विकास कार्यों का क्रियावन नहीं हो पाया है। न्यायालय ने मौजूद अपर मुख्य सचिव को कहा कि सरकार द्वारा कई बार शपथ पत्र देने के बावजूद भी गोवर्धन में सर्विस रोड वन रिंग रोड का कार्य कछुए की गति से चल रहा है।
जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने न्यायालय से माफी मागते हुए कहा कि अभी तक की देरी के लिए वो क्षमा चाहते है और न्यायालय को यह अवगत कराना चाहते है की सर्विस रोड कैबिनेट नोट तैयार हो चुका है एक हफते के अंदर गोवर्धन मे सर्विस रोड बनाने की घोषणा सरकार द्वारा ब्रज फाउंडेशन के खिलाफ दाखिल याचिका पर हुई जोरदार बहस कर दी जाएगी जिसके लिए वो ध्यान आकर्षित करते हुए न्यायालय से मांग करते हैं कि न्यायालय को यह अवगत उनको एक सप्ताह का समय दे करवाया की कैसे ब्रज फाउंडेशन दिया जाए। न्यायालय ने मांग और विनीत नारायण ने सरकार को मानते हुए उत्तर प्रदेश सरकार व एन जी टी समेत सर्वोच्च के अपर मुख्य सचिव अवनीश न्यायालय को भी धोखे में रखा अवस्थी को सर्विस रोड की पूरी और न्यायालय के आदेशों व जानकरी के साथ अगली सरकारी आदेशों को छुपाते है सुनवाई में उपस्थित रहने के अपने निजी स्वार्थ के लिए आदेश जारी किए।
याचिकाकर्ता आनंद गोपाल दास व सत्य प्रकाश मंगल की और से मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा व सार्थक चतुर्वेदी ने इसी याचिका से जुड़ी याचिका जिसमे की ब्रज फाउंडेशन द्वारा ब्रज में अपने निजी स्वार्थ के लिए सीएसआर फंड को की सरकारी धन है का दुरुपयोग किया गया। याचिकाकर्ता की और से मौजूद वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा ने न्यायालय का ध्यान आकर्षित करते हुए न्यायालय को यह अवगत करवाया की कैसे ब्रज फाउंडेशन और विनीत नारायण ने सरकार व एन जी टी समेत सर्वोच्च न्यायालय को भी धोखे में रखा और न्यायालय के आदेशों व सरकारी आदेशों को छुपाते हुए अपने निजी स्वार्थ के लिए सरकारी संपत्ति को खुर्द बुर्द कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाया. इसके साथ ही ब्रज फाउंडेशन ने कुंडों का स्वरूप बदल कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों की भी अवहेलना की है।
याचिकाकर्ता की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन शर्मा ने कहा कि ब्रज फाउंडेशन और विनीत नारायण अपने आप को ब्रहा मानते हैं और अपनी बड़ी बड़ी होर्डिंग लगा कर लोगों को यह बताते हैं कि वो ही ब्रज की सबसे बड़ी सेवा कर रहे हैं। जबकि इसके उल्ट पूरा ब्रज फाउंडेशन एक प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह करोड़ों के गलत कार्य कर चुका है जिस पर सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है, वहीं सरकार की ओर से मौजूद अधिवक्ता अमित तिवारी ने कहा कि ब्रज फाउंडेशन द्वारा किसी भी कार्य को करने की कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई जिससे यह प्रतीत होता है कि ब्रज फाउंडेशन द्वारा सरकार को भी धोखे में रखा गया जबकि ब्रज फाउंडेशन के अधिवक्ता से जब न्यायालय ने पूछा कि याचिकाकर्ता व सरकार द्वारा लगाए गए आरोपों पर आपका क्या कहना है तो उनके अधिवक्ता ने न्यायालय को कोई भी माकूल जवाब नहीं दिया जिस पल न्यायालय ने आदेश को रिजर्व करते हुए सरकार के अधिवक्ता से ब्रज फाउंडेशन व ग्राम समाज का बीच हए सभी एग्रीमेंट व वन्य बार के पन बच के विश्व को सत्य जल्द जल्द उपलब्ध लका कराना कहा जिसके बाद न्यायालय अपना आदेश सुनायेगा अगली सनावाई॥ मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होने के लिए तय की गई।
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