यूनिक समय, नई दिल्ली। खराब लाइफस्टाइल और डाइट से जुड़ी कमियों के कारण आजकल दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। साथ ही नींद की कमी और बढ़ता तनाव दिल की बीमारियों को और तेजी से बढ़ा सकती है। ऐसे में जो लोग हाई बीपी के मरीज हैं या जिनका कोलेस्टोल बढ़ा रहता है या फिर दिल से जुड़ी समस्याएं हैं उन्हें हर कुछ दिनों पर ईसीजी टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
लेकिन ये क्यों जरूरी है। क्या ये टेस्ट करवाना हार्ट अटैक से बचा सकता है? जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे डॉक्टर प्रदीप कुमार नायक, सीनियर कंसल्टेंट- कार्डियोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से।
ईसीजी की जांच से क्या पता चलता है
डॉक्टर प्रदीप कुमार नायक बताते हैं कि हृदय संबंधित समस्याओं हेतु ईसीजी से दिल के दौरे पड़ने का पता लगाया जाता है और इसी के आधार पर डॉक्टर को सही उपचार निर्धारित करने में मदद मिलती है। ईसीजी के माध्यम से रोगी को हार्ट अटैक से बचाया जा सकता है। ईसीजी के जरिए हार्ट की आर्टी की ब्लॉकेज के बारे में अदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा ये कई चीजों बता सकता है।
आपकी हार्ट रेट: हृदयगति कि दिल कैसे काम कर रहा है। ऑक्सीजन सप्लाई कैसा है। दिल के साइज और स्ट्रक्चर से जुड़ी खराबियों का पता लगाने में ये मदद कर सकता है। इस तरह से पता लगाया जा सकता है कि हार्ट के ब्लड पंप करने का प्रेशर कैसा है। कहीं कोई ब्लॉकेज तो नहीं ताकि इसका फ्लो सही रहे और आप हार्ट अटैक से बचे रहें।
ईसीजी बहुत महंगा नहीं होता और इसी के साथ ही इसमें समय भी बहुत कम लगता है व इसमें किसी प्रकार का दर्द नहीं होता। इसलिए हर दिल के मरीज को ये टेस्ट करवाते रहना चाहिए। इसके अलावा आपको किसी भी प्रकार की सांस से संबंधित परेशानी है, सीने में दर्द हो रहा है, अचानक घबराहट हो, तेज पसीना आ रहा हो, उलझन सा हो, आपके दिल की धड़कन बहुत तेज हो, इन तमाम स्थितियों को समझने, कारणों को जानने और इलाज के लिए ये टेस्ट जरूरी है। खासकर हार्ड पेशेंट को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है इसलिए हार्ट पेशेंट के लिए ईसीजी बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है।
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