प्रमुख संवाददाता
यूनिक समय, मथुरा/लखनऊ। सावधान! भूगर्भ जल को दूषित या गंदा किया तो दोषियों को 7 साल तक की जेल और 20 लाख रुपये जुर्माने की सजा भुगतनी होगी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता मेंं हुई कैबिनेट बैठक में यूपी भूजल प्रबंधन व विनियमन नियमावली को मंजूरी दे दी गई। इसी नियमवली के तहत उक्त सजा का प्रावधान किया गया है।
जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि भूजल दूषित करने के पहले अपराध में 6 महीने से 1 साल तक की जेल व 2 से 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा। दूसरी बार ऐसा करने पर 5 से 10 लाख तक का जुर्माना व 5 साल तक की जेल होगी। फिर अपराध किया तो 20 लाख रुपये तक जुर्माना और 7 साल तक की सजा होगी।
शासन से लेकर गांव तक बनेगी
जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने बताया कि भूजल के संरक्षण व उसे प्रदूषण से बचाने के लिए ग्राम पंचायतों से लेकर शासन तक समिति का गठन होगा। शासन स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में 18 सदस्यीय भूजल प्राधिकरण बनेगा। इसमें विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ जल संरक्षण के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। प्राधिकरण भूगर्भ जल के लिहाज से संकटग्रस्त क्षेत्रों को अधिसूचित करेगा। इसमें ऐसे क्षेत्र शामिल होंगे, जिनमें पिछले पांच साल में प्रतिवर्ष 20 सेमी भूजल स्तर नीचे गया हो। इन जगहों पर सरकारी पेयजल योजनाओं, पौधरोपण के अलावा बोरिंग/ट्यूबवेल नहीं लगाए जा सकेंगे। जागरूकता के लिए भूजल सेना का गठन होगा। शासन स्तर पर मुख्य सचिव और जिले में डीएम की अध्यक्षता में समितियां बनेंगी। नगर निगमों, नगरीय निकायों और पंचायतों में उसके निर्वाचित प्रमुख कमिटी के अध्यक्ष होंगे।
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