नई दिल्ली। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने कक्षा 9वीं और 11वीं में दाखिले के नियमों में बदलाव किए हैं. नये नियमों के तहत अगर कोई छात्र CBSE से संबद्ध स्कूल में दाखिला लेना चाहता है तो उन्हें कारण बताना होगा. उदाहरण के तौर पर यदि कोई छात्र बेहतर शिक्षा के लिये स्कूल में बदलाव करना चाहता है तो उसे पिछले स्कूल के पांच साल का रिकॉर्ड दिखाना होगा और साथ ही जिस स्कूल में वह दाखिला चाहता है, उसका भी पांच साल का रिकॉर्ड दिखाना होगा.
CBSE सर्कुलर में कहा गया है कि यह देखा गया है कि बहुत से छात्र 9वीं या 11वीं में पढ़ाई करने के दौरान स्कूल बदल लेते हैं. कुछ छात्र स्कूल दूर होने का हवाला देते हैं, तो वहीं कुछ परिवार का किसी दूसरी जगह शिफ्ट होने, बेहतर शिक्षा, सेहत को वजह बताते हैं. कई बार तो छात्रों का स्कूल बदलने का अनुरोध उस वक्त आता है, जब एकेडमिक सेशन खत्म होने वाला होता है. आखिरी समय में स्कूल बदलने की वजह से छात्रों को अनुकूल शैक्षणिक वातावरण नहीं मिल पाता है. क्योंकि नये स्कूल में वह अपने क्लासमेट्स और शिक्षकों से वाकिफ नहीं होते हैं.
बिजनेस या जॉब में बदलाव के कारण:
छात्र अगर अपने अभिभावक के जॉब या बिजनेस का स्थान परिवर्तन के कारण स्कूल बदल रहा है तो ऐसी स्थिति में उसे अभिभावक के अप्वाइंटमेंट लेटर के साथ एप्लिकेशन देना होगा, जिस पर अभिभावक के हस्ताक्षर भी होंगे. अगर छात्र अपने रिश्तेदारों के साथ नये शहर में शिफ्ट हो रहा है तो उसे उनकी तस्वीर भी स्कूल में देनी होगी.
दूसरी ओर अभिभावकों का कहना है कि सीबीएसई के नये नियम उन्हें परेशान करने वाला है. क्योंकि स्कूल के साथ ऑफर लेटर शेयर करने का मतलब अपनी निजी जानकारियों को शेयर करना है. ज्यादातर छात्र टीचर से परेशान होने के कारण स्कूल बदलना चाहते हैं. ऐसे में स्कूल लिखित में डॉक्यूमेंट नहीं देंगे. तो छात्र ट्रांसफर कैसे लेंगे.
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