सीडीएस बिपिन रावत: हादसे की तुलना ताइवान प्लेन क्रैश से क्यों की जा रही, क्या इसके पीछे चीन….

नई दिल्ली। देश ने अपने पहले सीडीएस को खो दिया। जनरल बिपिन रावत की प्लेन क्रैश में मौत हो गई। जांच की जा रही है। हादसे वाली जगह से ब्लैक बॉक्स मिल गया है। कुछ दिनों में जांच की रिपोर्ट सामने आ सकती है, लेकिन इस बीच कुछ कॉन्सपिरेसी थ्योरी भी सामने आई है। सोशल मीडिया पर कुछ लोग जनरल बिपिन रावत की मौत की तुलना जनवरी 2020 में ताइवान के सेना प्रमुख जनरल शेन यी मिंग की मौत से कर रहे हैं।

जनवरी 2020 की शुरुआत में ताइवान के जनरल स्टाफ शेन यी मिंग सहित 8 लोग मारे गए थे। उनका हेलिकॉप्टर ताइपे के पास पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। शेन ताइवान की सेना में सबसे बड़े अधिकारी थे। दुर्घटनाग्रस्त हुआ हेलिकॉप्टर अमेरिका में बना UH-60M ब्लैक हॉक था।

भारत के रक्षा विश्लेषक ब्रह्मा चेल्लानी उन लोगों में से एक हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर कहा कि जनरल रावत और शेन यी-मिंग के साथ हुई घटना में कई समानताएं हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “जनरल बिपिन रावत की मौत और साल 2020 की शुरुआत में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए ताइवान के जनरल स्टाफ के प्रमुख जनरल शेन यी-मिंग की घटना में कई समानता है। दोनों हेलिकॉप्टर दुर्घटना ने उन लोगों की मौत हुई, जो चीन के आक्रामक रवैये का विरोध कर रहे थे। उन्होंने आगे लिखा, समानता का मतलब यह नहीं है कि दोनों हेलिकॉप्टर क्रैश में किसी बाहरी हाथ के होने का कनेक्शन है। कुछ भी हो। प्रत्येक दुर्घटना ने महत्वपूर्ण आंतरिक प्रश्न उठाए हैं। खासकर शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले हेलिकॉप्टरों के रखरखाव को लेकर।

दिलचस्प बात यह है कि चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स ने चेलानी के ट्वीट पर रिएक्ट किया। ग्लोबल टाइम्स के हैंडल से ट्वीट किया गया, चेलानी ने जो लिखा है उससे लगता है कि बिपिन रावत की हत्या के पीछे अमेरिका का हाथ है, क्योंकि वह रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के भारत के फैसले का विरोध कर रहा है। प्रोफेसर चेलानी ने भी ग्लोबल टाइम्स के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा कि चीन का सरकारी मीडिया का मुखपत्र मेरे ट्वीट के जरिए गलतफहमी पैदा कर रहा है।

 

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