नई दिल्ली। आज नवरात्र के तीसरे दिन भक्त देवी चंद्रघंटा की पूजा करेंगे. नवरात्र में नौ दिनों के दौरान अलग-अलग दिन अलग-अलग देवियों की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा कास्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है. मां चंद्रघंटा की कृपा से साधक को अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं. दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है और कई तरह की ध्वनियां सुनाई देने लगती हैं.
मां चंद्रघंटा की आराधना से साधक में वीरता और साहस के साथ ही सौम्यता और विनम्रता का विकास होता है. चंद्रघंटा देवी को कल्याणकारी माना गया है, इसलिए साधक को चाहिए कि मन, वचन और कर्म से विधि-विधान के अनुसार परिशुद्ध-पवित्र करके चंद्रघंटा के शरणागत होकर उनकी उपासना-आराधना करे.
इससे सारे कष्टों से मुक्त होकर सहज ही परम पद के अधिकारी बन सकते हैं. नवरात्रि में तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का बहुत ही महत्व है. इसलिए ऐसा कहा जाता है कि हमें निरंतर उनके पवित्र विग्रह को ध्यान में रखकर साधना करनी चाहिए.
इस मन्त्र से प्रसन्न होंगी मां चंद्रघंटा:
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता.
मां चंद्रघंटा- साहस और हिम्मत की प्रतीक मां चंद्रघंटा:
चंद्रघंटा माता साहस और हिम्मत की प्रतीक है. साहसी व्यक्ति की विजय होती है. लेकिन पैसे के साथ भी साहस दिखाने की जरूरत है. चंद्रघंटा माता के जरिए हमें निवेश में डर को दूर भगाने और सिर्फ बैंक खातों या एफडी में पैसे ना रखने का संदेश दिया जाता है. साथ ही सोच-समझकर जोखिम उठाने और इक्विटी म्युचुअल फंड या सोने में निवेश करने का संदेश दिया जाता है.
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