भाजपा के बदले सुर: झारखंड में पहले चरण से भाजपा हुई पस्त मतदान के बाद

झारखंड में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा के सुर बदल गए हैं. पहली बार अपने बूते चुनाव लड़ रही महीनों पहले से 65 पार का राग अलाप रही थी. लेकिन पहले चरण के चुनाव के बाद से उसके सुर भी अलग हैं और बोल भी. भाजपा भले दावा करती रही हो कि वह अपने बूते झारखंड में सरकार बना लेगी लेकिन सियासी विशलेषकों का मानना है कि रघुवर दास की सरकार फिर से झारखंड में बननी मुश्किल है. आजसू से नाता तोड़ कर उसने अपनी कब्र भी खोद ली. नतीजा यह है कि तेरह विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद भाजपा बैकफुट पर है और अब वह साझा सरकार की बात कहने लगी है. दूसरी तरफ झामुमो-कांग्रेस और राजद गठबंधन पहले चरण के मतदान के बाद बमबम है. कांग्रेस ने तो नौ सीटें जीतने का दावा तक कर डाला है.

भाजपा के बदले हुए रुख को झारखंड के चुनाव में एक नई राजनीतिक घटना माना जा रहा है. जो भाजपा अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा पाने का दावा कर रही थी उसने पहले चरण के मतदान के बाद से ही सार्वजनिक मंच से अब यह कहने से गुरेज नहीं कर रही है कि सरकार आजसू के साथ ही बनाएगी. पार्टी की ओर से यह बात बार-बार कहा जा रहा है. पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बाद रविवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सुदेश हमारे मित्र और भाई जैसे हैं और वे सरकार में शामिल होंगे.

हालांकि आजसू नेता सुदेश महतो का कहना है कि फ़िलहाल चुनावी मैदान में भाजपा से दोस्ती नहीं कुश्ती होगी. धर्मेंद्र प्रधान झारखंड के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. उनके बयान का यह राजनीतिक अर्थ लगाया जा रहा है कि पार्टी को तमाम दावों के बावजूद ऐसा कयास लग रहा है कि विधानसभा चुनाव का परिणाम त्रिशंकु होने वाला है ऐसे में सुदेश महतो जैसे पुराने सहयोगी को उन्हें हर हाल में साथ लेना होगा. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी इससे पहले एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में साफ़ किया था कि आजसू उनके भविष्य की सरकार में शामिल होगी.

भाजपा ने जब सुदेश महतो के मनमुताबिक़ 17 सीटें नहीं दी तब उनकी पार्टी ने बीस से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए. शुरू में भाजपा का आकलन था कि उनके अधिक प्रत्याशी चुनाव में रहने के कारण विरोधियों को नुक़सान होगा लेकिन कई सीटों से जब उनकी पार्टी के उम्मीदवारों ने शिकायत की कि आजसू की वजह उनके वोट पर असर पड़ रहा है तब भाजपा ने अपने सुर बदले. झारखंड मुक्ति मोर्चा का कहना है कि सुदेश भाजपा के साथ फ़िक्स मैच खेल रहे हैं. पार्टी के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा नेताओं के बयान से हमारी बातों की पुष्टि हुई और जनता इसका बेहतर फ़ैसला करेगी.

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