मलेरिया की गलत रिपोर्ट देने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने पैथोलॉजी के खिलाफ दस हजार रुपये का जुर्माना किया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता को तीन हजार रुपये वाद व्यय के तौर पर भी देने को कहा गया है।
गली पीरपंच होलीगेट निवासी शिवाकांत चतुर्वेदी ने न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी। जिसके अनुसार मलेरिया का बुखार होने पर तीन अक्टूबर 2015 को उन्होंने डॉ. विपिन से परामर्श लिया था। उनके परामर्श पर तीन से पांच अक्टूबर 2015 तक वह उनके यहां भर्ती रहे। पांच अक्टूबर को डॉक्टर ने हॉस्पीटल से डिस्चार्ज कर पांच दिन की दवा लिख दी। इसके बाद फिर तबीयत खराब होने पर 17 मार्च 2015 में सेठबाड़ा स्थित न्यू रंगेश्वर पैथोलॉजी सेंटर पर 410 रुपये देकर मलेरिया की जांच कराई। जांच रिपोर्ट में भी मलेरिया आया। इस जांच रिपोर्ट में भ्रम होने की दशा में सौंख अड्डा स्थित लालजी साइंटिफिक पैथोलॉजी में डॉ. अनिल अग्रवाल से 200 रुपये में जांच कराई। इस रिपोर्ट में मलेरिया निगेटिव पाया गया। दोनों रिपोर्ट के परिणाम अलग आने पर शिवाकांत ने संतुष्टि के लिए तीसरी जांच कृष्णा नगर स्थित रंगेश्वर पैथोलॉजी से कराई। इस जांच में भी मलेरिया निगेटिव आया। इस पर शिवाकांत ने करीब चालीस हजार की आर्थिक क्षति के लिए 23 मार्च 2015 को सेठबाड़ा स्थित न्यू रंगेश्वर पैथोलॉजी तो विधिक नोटिस भेजा। इसका पैथोलॉजी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। इस पर शिवाकांत ने अपना पक्ष परिवाद फोरम में रखा। शिवाकांत के अधिवक्ता महेश शर्मा और राजेश कुमार जादौन ने बताया कि न्यू रंगेश्वर पैथोलॉजी सेंटर, सेठबाड़ा ने मलेरिया की गलत रिपोर्ट बनाकर मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया था। मामले पर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम के अध्यक्ष योगेंद्र ¨सह, सदस्य सूफिया अशरफ ने गुरुवार तीन मई को फैसला सुनाते हुए सेठबाड़ा स्थित न्यू रंगेश्वर पैथलॉजी सेंटर पर दस हजार रुपये का जुर्माना किया है। साथ ही तीन हजार वाद व्यय देने के निर्देश दिए हैं। फोरम के निर्णय पर न्यू रंगेश्वर पैथोलॉजी के मालिक डॉ. एमके गुप्ता ने अपनी अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि वह अपने अधिवक्ता से इस संबंध में जानकारी करेंगे।
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